तीसरा मंगला गौरी व्रत: माता पार्वती के इस रूप की ऐसे करें पूजा, जानें मुहूर्त
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मां मंगला गौरी व्रत का सावन माह में विशेष महत्व होता है। आज यानी 18 जुलाई को सावन माह का तीसरा मंगला गौरी व्रत है। मान्यता है कि, सावन में पड़ने वाले मंगला गौरी व्रत का पालन करने से वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है और विवाह से जुड़ी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। कहा जाता है, कि इस व्रत को करने से कुंडली में मंगल दोष की समस्या भी दूर हो जाती है। साथ ही, शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना करते हुए मंगला गौरी व्रत रखती हैं।
मां मंगला गौरी आदि शक्ति माता पार्वती का ही रूप है, इन्हें मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि, आज से मलमास भी प्रारंभ हो रहे हैं जिस वजह से मंगला गौरी व्रत और मलमास का विशेष संयोग बन रहा है।
शुभ मुहूर्त
अभिजित मुहूर्त: 18 जुलाई दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 12:55 बजे तक
विजय मुहूर्त: 18 जुलाई दोपहर 02:45 बजे से दोपहर 03:40 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: 18 जुलाई सुबह 05:31 बजे से शाम 07:04 बजे तक
मंगलागौरी व्रत का महत्व
माता पार्वती के मंगला गौरी व्रत का सावन माह में अत्यधिक महत्व होता है। मान्यता है कि मंगला गौरी के व्रत रखने से माता पार्वती की असीम कृपा प्राप्त होती है जिससे घर में सुख शांति और घर में खुशहाली बनी रहती है। कहा जाता है कि, पूरे सावन पड़ने वाले मंगला गौरी के व्रत को करने से मनवांछित फलों की प्राप्ती होती हैं। अविवाहित युवती को इस व्रत का पालन करने की सलाह दी जाती है जिसके करने मात्र से उनके विवाह में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं। मंगला गौरी व्रत को रखने से संतान से जुड़ी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।
मंगला गौरी की पूजन विधि
मंगला गौरी व्रत की शुरूआत बह्म मुहूर्त में उठकर करें।
स्नानादि से निवृत्त होकर सूर्य को जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।
साफ सुथरे और नए कपड़े पहनकर व्रत करें।
पूजा के समय मां मंगला गौरी का चित्र या मूर्ति स्थापित करें।
व्रत के दौरान, एक ही समय का भोजन करें और पूरे दिन माता पार्वती की पूजा अर्चना करें।
इस मंत्र का करें जाप
मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं मंगलागौरीव्रतमहं करिष्ये
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