Raksha Bandhan 2023: कब है रक्षाबंधन 30 या 31? यहां जानें भ्रदा का समय और राखी का शुभ मुहूर्त

30 अगस्त को पूरे दिन रहेगा भ्रदाकाल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-29 11:28 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है। हालांकि, पिछले साल की तरह इस वर्ष भी रक्षाबंधन को लेकर असमंजस की स्थिति है। कुछ जगह लोग 30 अगस्त, बुधवार को यह त्योहान मनाने की बात कर रहे हैं, जबकि कुछ 31 अगस्त को पूर्णिमा मान रहे हैं। वहीं ज्योतिषाचार्य की मानें तो, 30 अगस्त को पूर्णिमा लग रही है, लेकिन, भद्रकाल होने के कारण 30 अगस्त को राखी नहीं बांधी जा सकती।

बता दें कि, रक्षाबंधन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसमें प्रेम और अपनत्व का भाव निहित होता है। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते, बेइंतहां प्यार, त्याग और समर्पण को दिखाता है। इस दिन रक्षा सुरक्षा का अहसास लिए राखी को बहन अपने भाई की कलाई पर बांधती है और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। आइए जानते हैं रक्षाबंधन का मुहूर्त और महत्व...

शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, भ्रदाकाल की अवधि को देखते हुए बहनें 30 या 31 किसी भी दिन राखी बांध सकती हैं। 30 अगस्त को भद्रा रात 9 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा, जिसके बाद राखी बांधी जा सकती है। वहीं 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट से राखी बांधी जा सकती है। इसके बाद पूर्णिमा समाप्त हो जाएगी।

राखी का मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त 31 अगस्त को सुबह 4.26 से सुबह 5.14 तक है।

भद्रा काल में क्यों नहीं बांधते राखी?

आपको बता दें कि भद्राकाल में किसी भी तरह के शुभ कार्य करने पर उसमें सफलता नहीं मिलती है। ऐसे में भद्रा काल में भाई की कलाई पर राखी बंधना वर्जित है। मान्यता के अनुसार भद्रा शनिदेव की बहन है। भद्रा शनिदेव की तरह उग्र स्वभाव की हैं। भद्रा को ब्रह्रााजी ने शाप दिया कि जो भी भद्राकाल में किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करेगा उसमें उसे सफलता नहीं मिलेगी।

वहीं एक पौराणिक कथा के अनुसार, शूर्पनखा ने भद्रा काल में ही रावण की कलाई पर राखी बांधी थी। रावण का पूरा साम्राज्य समाप्त होने का एक बड़ा कारण भ्रदा माना गया है। ऐसे में इस अवधि में राखी ना बांधने को कहा जाता है।

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