Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में करें अपने पूर्वजों को प्रसन्न, ​जानिए कौन कर सकता है तर्पण और क्या हैं श्राद्ध की तिथियां?

  • पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से होती है
  • इसका समापन आश्विन कृष्ण अमावस्या पर होता है
  • पितृपक्ष में ​पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-18 06:42 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में पितृपक्ष का बड़ा ही महत्व है, जिसमें पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है। इसकी शुरुआत भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से होती है और समापन आश्विन कृष्ण अमावस्या पर। इन 16 दिनों की अवधि में तिथि के अनुसार, लोग अपने पितरों को तर्पण या पिंडदान करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इन दिनों में पितर धरती पर आते हैं और तर्पण करने से उन्हें भोजन व जल मिलता है जिससे वे आपको आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि, इन दिनों में बताए गए नियमों का ध्यान रखना चाहिए और कोई कार्य ऐसा नहीं करना चाहिए जिससे आपके पितर आपसे नाराज हों। क्योंकि, यदि पितर नाराज होते हैं तो आपको पितृदोष का सामना करना पड़ सकता है। जिससे आपकी तरक्की में बाधा उत्पन्न होती है। पितृपक्ष में कैसे कौन कर सकता है तर्पण? और क्या हैं श्राद्ध की तिथियां? आइए जानते हैं...

कौन कर सकता है तर्पण?

पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों को तर्पण घर के सबसे वरिष्ठ पुरुष सदस्य द्वारा करने की परंपरा रही है। लेकिन, किसी कारण से बड़ा सदस्य घर में नहीं है तो फिर यह कार्य कोई भी पुरुष सदस्य कर सकता है। पौत्र या नाती भी इस परंपरा का निर्वाहन कर सकता है। वहीं कई परिस्थितियों में स्त्रियां भी श्राद्ध कर सकती हैं हालांकि, आपको तपण करते समय कुछ नियमों का पालन करना होगा। 

पितृपक्ष में श्राद्ध की सभी तिथियां:-

तिथि 

दिन 

श्राद्ध

17 सितंबर 2024

मंगलवार

पूर्णिमा का श्राद्ध

18 सितंबर 2024

बुधवार

प्रतिपदा का श्राद्ध

19 सितंबर 2024

गुरुवार

द्वितीया का श्राद्ध

20 सितंबर 2024

शुक्रवार

तृतीया का श्राद्ध

21 सितंबर 2024

शनिवार

चतुर्थी का श्राद्ध

22 सितंबर 2024

रविवार

पंचमी का श्राद्ध

23 सितंबर 2024

सोमवार

षष्ठी का श्राद्ध और सप्तमी का श्राद्ध

24 सितंबर 2024

मंगलवार

अष्टमी का श्राद्ध

25 सितंबर 2024 

बुधवार

नवमी का श्राद्ध

26 सितंबर 2024

गुरुवार

दशमी का श्राद्ध

27 सितंबर 2024

शुक्रवार

एकादशी का श्राद्ध

29 सितंबर 2024

रविवार

द्वादशी का श्राद्ध, मघा श्राद्ध

30 सितंबर 2024

सोमवार

त्रयोदशी का श्राद्ध

01 अक्टूबर 2024

मंगलवार

चतुर्दशी का श्राद्ध

02 अक्टूबर 2024

बुधवार

सर्वपित अमावस्या

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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