राखी बांधते समय रखें दिशा का ध्यान , करें इस मंत्र का जाप
रक्षाबंधन के लिए वास्तु टिप्स राखी बांधते समय रखें दिशा का ध्यान , करें इस मंत्र का जाप
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रक्षाबंधन का त्योहार बस कुछ दिनो में आने ही वाला है। रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन के महिने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 11 अगस्त दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। कहा जाता है, कि सबसे पहले देवी लक्ष्मी ने राजा बली को राखी बांधकर अपना भाई बनाया था। इस दिन सभी बहनें अपने भाई को राखी बांधकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना करती हैं, तो वहीं भाई हमेशा अपनी बहन की रक्षा करने का संकल्प लेता है। इस प्रवित्र बंधन को बांधते समय हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि किस दिशा में बैठकर भाई को राखी बांधी जाए। इसी के साथ आप जब भी राखी बांधने बैठ किन मंत्र का जाप किया जाए। तो चलिए आज हम आप को बताते है इस के बारे में।
राखी बांधने की क्या है सही दिशा
अपने भाई को पूर्व दिशा में बैठाएं और बहन का मुख पश्चिम दिशा की और होना चाहिए।
राखी बांधते समय भाई का चेहरा उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए और बहन का चेहरा दक्षिण-पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिए।
इस बात का खास ख्याल रहना चाहिए की राखी बांधते वक्त आप का चेहरा किसी और दिशा में ना हो।
राखी बांधते समय गलती से भी उत्तर-पश्चिम दिशा में बैठकर राखी ना बांधे।
भाईयों को राखी बांधने से पहले उनका तिलक करें.
राखी खरीदते समय यह ध्यान रखें कि कभी आप काले रंग का धागा या राखी न खरीदें।
राखी बंधवाते वक्त भाई के सिर पर कोई साफ कपड़ा जरूर रखें।
अगर रखी रंगों के धागों का लाल पीला और सफेद हो, तो यह शुभ माना जाता है।
राखी बांधते समय इस मंत्र का करें जाप
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।।
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां रक्षबन्धामि रक्षे मा चल मा चल ।।
डिसक्लेमरः ये जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर बताई गई है। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।