सावन प्रदोष व्रत: ऐसे करें भगवान शिव की पूजा, जानें मुहूर्त और विधि
सावन प्रदोष व्रत: ऐसे करें भगवान शिव की पूजा, जानें मुहूर्त और विधि
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी के दिन रखा जाता है। वहीं सावन माह में इस व्रत का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि इस माह को भगवान शंकर की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ समय माना गया है। बात करें इस साल सावन में आने वाले प्रदोष व्रत की तो, यह आज यानी कि गुरुवार 05 अगस्त को है।
माना जाता है कि सावन माह के प्रदोष व्रत को करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होकर मनवांक्षित वर देते हैं। प्रदोष व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए रखते हैं। इस दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत को रखने से भक्तों के अन्दर सकारात्मक विचार आते हैं और वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।
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प्रदोष व्रत मुहूर्त
प्रदोष व्रत तिथी आरंभ: 05 अगस्त, शाम 05:09 मिनट से
प्रदोष व्रत तिथी समापन: 06 अगस्त, शाम 06:28 मिनट तक
पूजा की विधि
- प्रदोष व्रत करने के लिए व्रती को त्रयोदशी के दिन सुबद सूर्योदय से पहले उठना चाहिए।
- नित्यकर्मों से निवृ्त होकर भगवान शिव का स्मरण करें।
- व्रत में आहार नहीं लिया जाता है।
- पूरे दिन उपावस रखने के बाद सूर्यास्त से पहले स्नानादि कर श्वेत वस्त्र धारण करें।
- पूजन स्थल को शुद्ध करने के बाद गाय के गोबर से लीपकर, मंडप तैयार करें।
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- इस मंडप में पांच रंगों का उपयोग करते हुए रंगोली बनाएं।
- उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें और भगवान शिव का पूजन करें।
- पूजन में भगवान शिव के मंत्र "ऊँ नम: शिवाय" का जाप करते हुए जल चढ़ाएं।
- पूजा के दौरान शिव जी पर चंदन, भस्म, गुलाल, अर्पित करें।
- शिव प्रतिमा पर शुगंधित इत्र एवं फूल बेल पत्र चढ़ाएं।
- शिव जी की धूप एवं दीप से आरती करें।