सावन का चौथा सोमवार, ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न

Sawan 2021 सावन का चौथा सोमवार, ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-21 06:50 GMT
सावन का चौथा सोमवार, ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देवों के देव महादेव यानी कि भगवान शंकर की पूजा के लिए सोमवार सबसे शुभ दिन माना जाता है। वहीं सावन माह में आने वाले सोमवार को इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। सावन माह जिसे वण मास के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। वैसे तो शिव भक्त इस पूरे माह ही भगवान शिव की भक्ति में लीन रहते हैं। लेकिन प्रत्येक सोमवार को भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है। 

सावन माह का चौथा सोमवार 16 अगस्त 2021 को है। सावन सोमवार के दिन श्रद्धालू देवालय और शिवालय पहुंचकर पूजा करते हैं। साथ ही मंदिरों में शिव पुराण का आयोजन भी किया जाता है। हालांकि कोरोना की स्थिति के चलते मंदिर जाना संभव ना हो तो घर पर रहकर भी भगवान शिव की पूजा श्रद्धा भाव के साथ की जा सकती है। आइए जानते हैं सावन माह में आने वाले सभी सोमवार की तिथियां, पूजा विधि और इससे जुड़ी कथा के बारे में...

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सावन माह में आने वाले सोमवर की तिथियां
पहला सावन सोमवार: 26 जुलाई 2021
दूसरा सावन सोमवार: 02 अगस्त 2021
तीसरा सावन सोमवार: 09 अगस्त 2021
चौथा सावन सोमवार: 16 अगस्त 2021 

मान्यता 
शिव पुराण के अनुसार सावन माह में आने वाले सोमवार को जो भक्त उपवास रखता है, शंकर भगवान उसकी मनोकामनाएं जरूर पूरी करते हैं और उसे सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस महिने के हर सोमवार को भक्त व्रत रखते हैं, इस व्रत से उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा अच्छा जीवन साथी भी मिलता है। ऐसी मान्यता भी है कि, यदि कोई अविवाहित स्त्री इस पावन महीने में उपवास रखती है, तो उसे एक अच्छा वर मिलता है। 

सावन सोमवार व्रत एवं पूजन विधि 
- सर्व प्रथम सूर्योदय से पहले उठकर नित्यक्रिया से निवृत होकर स्नानादि करें।
- इसके बाद सूर्य को जल चढ़ाएं।
- अपने घर के मंदिर की सफाई करें और उसे गंगा जल से शुद्ध करें।
- शिव पूजन के लिए मिट्टी की शिव प्रतिमा को सर्वश्रेठ माना गया है अगर मिट्टी की व्यवस्था ना हो तो अन्य शिव प्रतिमा या चित्र का प्रयोग पूजन के लिए कर सकते हैं।

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- शिव पूजा के लिए पूजन समाग्री एकत्रित करें जिसमें अभिषेक के लिए घी, शकर, शहद, दूध, दही, गंगाजल, शुद्ध जल आदि रखें।
- इसके बाद पूजन के लिए फूल, बेलपत्र, दूब, धतूरा, भांग, भस्म, शमी पत्र, नारियल, प्रसाद, धूप, दीप आदी भगवान में अर्पित कर भगवान को हाथ जोड़ कर प्रणाम करें।
- पूजा के दौरान शिवलिंग पर बेल पत्र अवश्य चढ़ाएं।
- सावन के महीने में शिव पंचाक्षर मंत्र से विशेष लाभ मिलता है इसलिए श्रध्दालुओं को जितना अधिक हो सके पूरे मास भर ऊँ नमः शिवाय इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
- पूजन आरती के बाद सावन सोमवार की कथा सुनें या पढ़ें। 

 

 

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