आम आदमी की तरह अचानक रकाबगंज गुरुद्वारा पहुंचे पीएम मोदी, गुरु तेगबहादुर को दी श्रद्धांजलि
आम आदमी की तरह अचानक रकाबगंज गुरुद्वारा पहुंचे पीएम मोदी, गुरु तेगबहादुर को दी श्रद्धांजलि
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री मोदी अचानक रविवार सुबह सुबह रकाबगंज गुरुद्वारे में पहुंच गए। आम आदमी की तरह बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुद्वारा पहुंचकर सभी को चौंका दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने गुरुद्वारा रकाबगंज में मत्था टेका और सिखों के नौवें गुरु तेगबहादुर जी को नमन करते हुए शांति का संदेश दिया और गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि दी।
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बता दें कि जब प्रधानमंत्री मोदी यहां पहुंचे तो यहां कोई विशेष पुलिस बंदोबस्त नहीं थी और न ही किसी तरह का ट्रैफिक डायवर्जन किया गया था। प्रधानमंत्री सुबह सुबह कड़ी सर्दी के बीच सामान्य व्यक्ति की तरह गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचे और शीश नवाया।
आज सुबह मुझे ऐतिहासिक गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में मत्था टेकने का सौभाग्य मिला, जहां श्री गुरु तेग बहादुर जी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया था। दुनियाभर के लाखों लोगों की तरह श्री गुरु तेग बहादुर जी के विचार और जीवन मुझे सदैव प्रेरित करते हैं। pic.twitter.com/MyrFnSLbOf
— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2020
गुरु तेगबहादुर ने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था। उनकी शहादत हर साल शहीदी दिवस के रूप में याद किया जाता है। बीते शनिवार को ही पूरे देश ने उनका शहीदी दिवस मनाया है। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दौरान ध्यान रखा गया कि इस दौरान आम आदमी को किसी तरह की दिक्कत न हो। क्योंकि रविवार के दिन गुरुद्वारे में शीश नवाने जाने वालों की संख्या ज्यादा होती है। इसीलिए कहीं कोई सुरक्षा आदि की वैसी व्यवस्था नहीं हुई, जैसी आमतौर पर होती है।
गुरु साहिब की यह विशेष कृपा है कि हमारी सरकार के कार्यकाल के दौरान ही हमें श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व को मनाने का अवसर मिल रहा है। आइए, इस पावन मौके को ऐतिहासिक बनाएं और श्री गुरु तेग बहादुर जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं। pic.twitter.com/fXxVRUU1yI
— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2020
गुरु तेग बहादुर ने 17वीं शताब्दी के दौरान सिख धर्म का प्रचार किया। वर्ष 1975 में उन्होंने हंसते-हंसते प्राणों का बलिदान कर दिया था। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पंजाब के किसानों की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन के बीच अचानक गुरुद्वारा पहुंचकर एक संदेश दिया है। हालांकि, भाजपा नेताओं का कहना है कि यह शुद्ध आस्था का मामला है। इसे किसी और नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।