जानें महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि
पौष पुत्रदा एकादशी 2022 जानें महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का काफी महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। वैसे तो हर माह में पड़ने वाली एकादशी तिथि का महत्व होता है लेकिन पौष पुत्रदा एकादशी खास है, जो कि इस बार 13 जनवरी 2022, गुरुवार को पड़ रही है। इस एकादशी के एक दिन बाद ही संक्रांति पर्व है। इस दिन दीपदान करने का बहुत महत्व है। इस व्रत के पुण्य से मनुष्य तपस्वी, विद्वान, पुत्रवान और लक्ष्मीवान होता है।
मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति होती है। जिन व्यक्तियों को संतान होने में बाधाएं आती हैं या जिन्हें पुत्र प्राप्ति की कामना हो उन्हें पुत्रदा एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए। ये व्रत बहुत ही शुभ फलदायक होता है, इसलिए संतान प्राप्ति के इच्छुक या संतान है तो उसे सुमार्ग पर लाने के लिए ये व्रत अवश्य रखना चाहिए। आइए जानते हैं मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...
साप्ताहिक राशिफल: 10 जनवरी से 16 जनवरी 2022 तक
शुभ मुहूर्त
तिथि आरंभ: 12 जनवरी बुधवार, शाम 04 बजकर 49 मिनट से
तिथि समापन: 13 जनवरी गुरुवार,शाम 07 बजकर 32 मिनट तक
पारण मुहूर्त: 14 जनवरी शुक्रवार, सुबह 10 बजे तक
पूजा विधि
- सूर्योदय से पहले उठें और स्नानादि से मुक्त होकर साफ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद सूर्य को जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।
- घर के मंदिर को साफ करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
- श्रीहरि विष्णु की फोटो के सामने दीप जलाने के बाद कलश की स्थापना करें।
जनवरी 2022: संक्रांति सहित इस माह में आएंगे ये महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार
- कलश को लाल वस्त्र से बांधकर उसकी पूजा करें।
- भगवान श्रीहरि विष्णु की प्रतिमा रखकर उसे स्नानादि से शुद्ध कर नए वस्त्र पहनाएं।
- धूप-दीप आदि से विधिवत भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा-अर्चना तथा आरती करें और नैवेद्य फलों का लगाकर प्रसाद वितरण करें।
- श्रीहरि विष्णु को अपने सामर्थ्य के अनुसार फल-फूल, नारियल, पान, सुपारी, लौंग, बेर, आंवला आदि अर्पित किए जाते हैं।
- एकादशी की रात में भगवान का भजन-कीर्तन करें।
- दूसरे दिन ब्राह्मणों या संत पुरुष को भोजन तथा दान-दक्षिणा अवश्य दें।
- इसके बाद भोजन करना चाहिए।