जानिए इस व्रत का महत्व, पूजा विधि, और विशेष उपाय

मत्स्य द्वादशी जानिए इस व्रत का महत्व, पूजा विधि, और विशेष उपाय

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-14 11:47 GMT
जानिए इस व्रत का महत्व, पूजा विधि, और विशेष उपाय

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय संस्कृति में त्यौहारों का बहुत महत्व है और यहां पर सभी त्यौहार बड़े ही धूम धाम से मनाये जाते हैं। हर त्यौहार व्रत के पीछे पुराणों से जुड़ी कथाएं होती हैं। हिन्दू पंचाग के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मत्स्य द्वादशी मनाई जाती है। इस साल मत्स्य द्वादशी 15 दिसम्बर 2021 को मनाई जाएगी। 

मत्स्य द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की पूजा की जाती है।धार्मिक ग्रंथों के अनुसार- एक बार ब्रह्मा जी की असावधानी से राक्षस हयग्रीव ने वेदों को चुरा लिया था। हयग्रीव द्वारा वेदों को चुरा लेने के कारण ज्ञान लुप्त हो गया।

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समस्त लोक में अज्ञानता का अंधकार फ़ैल गया। तब भगवान विष्णु जी ने धर्म की रक्षा के लिए मत्स्य अवतार धारण कर दैत्य हयग्रीव का वध किया और वेदों की रक्षा की तथा भगवान ब्रह्मा जी को वेद सौंप दिया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मत्स्य द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की श्रद्धा पूर्वक पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। 

मत्स्य द्वादशी का महत्व
शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु के 12 अवतारों में से प्रथम अवतार मत्स्य अवतार है जिस कारण से मत्स्य द्वादशी बहुत ही शुभ मानी जाती है। कहा जाता है कि सृष्टि का आरंभ जल से हुआ है और आज के समय में जल ही जीवन है इसलिए शास्त्रों में इसका विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की मन लगाकर पूजा करने से सभी प्रकार कष्ट दूर हो जाता है। 

पूजन विधि- 
• सर्वप्रथम ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धरण करें। 
• इसके बाद पूजा स्थान में चार भरे हुए कलश को पुष्प डालकर स्थापित करें।  
• इसके बाद चारों कलश को तिल की खली से ढक कर इनके सामने भगवान विष्णु की पीली धातु की प्रतिमा स्थापित करें। 
• यह चार कलश समुद्र का प्रतीक हैं। इसके बाद भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं। 
• फिर केसर और गेंदे के फूल , तुलसी के पत्ते चढ़ाएं।  
• भोग स्वरूप मिठाई चढ़ाकर इस  मंत्र का जाप करें-ॐ मत्स्य रूपाय नमः।

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करें कुछ विशेष उपाय
• मत्स्य द्वादशी के दिन मछलियों को दाना खिलाने से पूण्यं की प्राप्ती होती है। 
• मत्स्य द्वादशी के दिन नव धान को अपने सिर से वार कर पानी में डाल दे। ऐसा करने से भगवान विष्णु अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।  
• आर्थिक संकट को दूर करने के लिए मत्स्य द्वादशी के दिन भगवान विष्णु को रोली मिले गाय के घी का दशमुखी दीपक जलाएं। 
• किसी भी संकट या विवाद को दूर करने के लिए भगवान विष्णु पर अर्पित किए गए गेहूं के दाने मछलियों को खिलाएं।
• नुकसान से बचने के लिए मत्स्य द्वादशी के दिन भगवान विष्णु  के प्रसाद को गाय को खिलाएं। 
• व्यापार में सफलता पाने के लिए भगवान विष्णु पर चढ़ा सिक्का जल में प्रवाहित कर दें।
• परिवार में खुशहाली लाने के लिए तुलसी की माला से भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करें।
ओम भगवते वासुदेवाय नमः

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