कामिका एकादशी: आज इस विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त
कामिका एकादशी: आज इस विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सावन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी कामिका एकादशी कहलाती है। इसे पावित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार यह एकदशी 04 अगस्त यानी कि आज बुधवार को मनाई जा रही है। पुराणों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को महाभारत युद्ध के दौरान कामिका एकादशी का महत्व बताया था, उन्होंने युधिष्ठिर को बताया कि जो मनुष्य कामिका एकादशी का व्रत करता है उन्हें उनके जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी खास मानी गई है। इस व्रत को करने के बाद और कोई पूजा करने की आवश्यकता नहीं होती। शास्त्रों के अनुसार कामिका एकादशी का व्रत करने वाला मनुष्य रात्रि में जागरण करके न तो कभी यमराज का दर्शन करता है और न ही कभी उसे नरकगामी होना पड़ता है। आइए जानते हैं इस व्रत से जुड़ी खास बातें, महत्व और पूजा विधि के बारे में...
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मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ: 03 अगस्त, मंगलवार दोपहर 12 बजकर 59 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त: 04 अगस्त, बुधवार दोपहर 03 बजकर 17 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग आरंभ: 04 अगस्त, सुबह 05 बजकर 44 मिनट से
सर्वार्थ सिद्धि योग समापन: 05 अगस्त, सुबह 04:25 बजे तक रहेगी।
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ऐसे करें पूजा
- एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्यक्रिया से निवृत्त होने के बाद स्नान करें।
- इसके बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु और शालिग्राम की प्रतिमा को पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक कर
- पूजा धूप, दीप, फल, एवं नैवेद्य से करना अति उत्तम फल प्रदान करता है।
- प्रतिमा पर कुमकुम, सुगंधित चंदन, सुगंधित पुष्प और तुलसी पत्ती या मंजरी अर्पित कर भगवान को प्रसाद चढ़ाएं।
- भगवान विष्णु के मन्त्र "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का यथासंभव जप करें।
- इस दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ अवश्य करें।
- धूप दिप से भगवान विष्णु की आरती करें।
- व्रत रखने वाले को एकादशी की कथा पढ़नी या सुननी चाहिए।
- व्रत के आखिर में ब्राह्मण को भोजन खिलाकर दान देकर विदा करें।
- इसके बाद स्वयं भोजन ग्रहण करें।