गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व ,गुरु तेग बहादुर के विचारों का करें पालन
धर्म गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व ,गुरु तेग बहादुर के विचारों का करें पालन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। गुरु तेग बहादुर सिंह जी 400 वां प्रकाश पर्व आज 21 अप्रैल को मनाया जा रहा है। गुरु तेग बहादुर प्रकाश पर्व उनकी शिक्षाओं और जीवन को याद करने के लिए मनाया जाता है। गुरु तेग बहादुर गुरु नानक के सिद्धांतों का प्रचार करने के लिए जाने जाते हैं। गुरु तेग बहादुर सिंह जी का जन्म 18 अप्रैल 1621 में हुआ था। गुरु तेग बहादुर जी गुरु हरगोबिंद साहिब के सबसे छोटे बेट थे । गुरु तेग बहादुर सिंह जी ने सिख धर्म की पवित्र पुस्तक श्री गुरु ग्रंथ साहिब में बहुत योगदान दिया है। उन्हें योद्धा गुरु के रुप में भी याद किया जाता है। गुरु साहिब ने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अथक संघर्ष किया। वह बहादुरी, गरिमा, मानवता, मृत्यु और बहुत कुछ के बारे में अपने विचारों और शिक्षाओं के लिए जाने जाते हैं। उनके इन विचारों को गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल किया गया है।
गुरु बहादुर जी के बारे में खास बातें
गुरु तेग बहादुर का नाम उनके पिता जी गुरु हरगोबिंद साहिब में त्याग मल रखा था। तेग बहादुर के भाई बुद्ध ने उन्हें घुड़सवारी और तीरंदाजी में प्रशिक्षित किया था। गुरु साहिब अपना अधिकांश समय ध्यान में बिताया करते थे। उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब में कई भजनों का योगदान भी किया है। गुरु साहिब की रचनाओं में 116 शब्द और 15 राग शामिल हैं। गुरु तेग बहादुर जी सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के पिता भी है।
गुरु तेग बहादुर के अनमोल 5 विचार
1- जिनके लिए प्रशंसा और विवाद एक समान हैं, जिन पर लालच और लगाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। वो केवल प्रबुद्ध है, जो दर्द और खुशी में प्रवेश नहीं होता है।
2 - डर कहीं और नहीं, बस लोगों के दिमाग में होता है।
3- सभी जीवित प्राणी के प्रति दया रखो, घृणा से केवल विनाश होता है।
4- गलतियां हमेशा माफ की जा सकती है, अगर आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो।
5- जीत और हार यह आपकी सोच पर ही निर्भर है। मान लो तो हार है, मान लो तो जीत है।