मां कात्यायनी की पूजा से विवाह में आने वाली रुकावटें होंंगी दूर, इस मंत्र का करें जाप

चैत्र नवरात्रि का छठवां दिन मां कात्यायनी की पूजा से विवाह में आने वाली रुकावटें होंंगी दूर, इस मंत्र का करें जाप

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-06 12:10 GMT
मां कात्यायनी की पूजा से विवाह में आने वाली रुकावटें होंंगी दूर, इस मंत्र का करें जाप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र नवरात्रि इस वर्ष 2 अप्रैल से शुरू हो चुकी हैं और हर दिन मंदिरों में मां के जयकारे गूंज रहे हैं। नवरात्रि के छठवें दिन मां दुर्गा के छठवें स्वरूप माता कात्यायनी की पूजा की जाती है। इस वर्ष कात्यायनी देवी की आराधना 07 अप्रैल, गुरुवार को की जा रही है। मान्यता है कि माता अपने भक्तों के लिए उदार भाव रखती हैं और उनकी हर हाल में मनोकामनाएं पूरी करती हैं। 

दुर्गा सप्तशती में मध्य चरित्र जिस महिषासुर का उल्लेख मिलता है उसका वध करने वाली देवी मां कात्यायनी ही हैं। इसलिए इन्हें महिषासुर मर्दनी के नाम से भी पुकारते हैं। कहा जाता है कि, मां कात्यायनी प्रसन्न होकर सुयोग्य वर का आशीर्वाद देती हैं और विवाह में आने वाली रुकावटें दूर करती हैं। आइए जानते हैं पूजा विधि और मंत्र...

पूजा विधि
- मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए सबसे पहले पूजा की चौकी पर साफ लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर मां कात्यायनी की मूर्ति रखें।
- अब गंगाजल से पूजाघर और घर के बाकी स्थानों को पवित्र करें।
- वैदिक मंत्रोच्चार के साथ व्रत का संकल्प पढ़ें एवं सभी देवी-देवताओं को नमस्कार करते हुए षोडशोपचार पूजन करें।
- देवी कात्यायनी की पूजा करते समय मंत्र का जप करें। 
- इसके बाद पूजा में गंगाजल, कलावा, नारियल, कलश, चावल, रोली, चुन्‍नी, अगरबत्ती, शहद, धूप, दीप और घी का प्रयोग करें। 
- मां कात्यायनी को शहद अति प्रिय है। इसलिए पूजा में देवी को शुद्ध शहद अर्पित करें।
- माता को मालपुआ का भोग भी प्रिय है। उन्हें यह भोग लगाएं और प्रार्थना करें।

इस मंत्र का करें जाप

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

कंचनाभा वराभयं पद्मधरां मुकटोज्जवलां। 
स्मेरमुखीं शिवपत्नी कात्यायनी नमोस्तुते॥

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