धूमधाम से मनाया गुड़ी पड़वा का पर्व, मराठी महिलाओं ने निकाली बाइक रैली

धूमधाम से मनाया गुड़ी पड़वा का पर्व, मराठी महिलाओं ने निकाली बाइक रैली

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-06 07:07 GMT
धूमधाम से मनाया गुड़ी पड़वा का पर्व, मराठी महिलाओं ने निकाली बाइक रैली

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पारंपरिक नौवारी साड़ी पहने हुए मोटरसाइकिल्स पर सवार महिलाओं ने जहां सशक्तिकरण को दिखाया, वहीं दूसरी ओर पारंपरिक नृत्य कर नव वर्ष का स्वागत भी किया। यह नजारा महाराष्ट्र का है, यहां हिंदू नए साल के संवत्सरी 2076 के साथ शनिवार सुबह गुड़ी पड़वा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान आयोजित गुड़ी पड़वा कार्यक्रम के मौके पर पारंपरिक मराठी परिधान तथा पेशवा पगड़ी में महिलाओं ने मोटरसाकिल पर रैली निकाली, जो आकर्षण का केंद्र बनी। इस दौरान बालीवुड एक्ट्रेस उर्मिला मातोंडकर ने इन महिलाओं के बीच पहुंचकर गुड़ी पड़वा की बधाई दी। 

क्यों मनाया जाता है गुड़ी पड़वा
गुड़ी पड़वा का त्यौहार महाराष्ट्र में हिन्दू नववर्ष या नव-सवंत्सर के आरंभ की खुशी में मनाया जाता है। पंचांग के मुताबिक, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नए साल की शुरुआत होती है, जिसे गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि (युगादि) कहा जाता है। यहां "गुड़ी" का अर्थ "विजय पताका" होता है। कहा जाता है कि शालिवाहन नामक एक कुम्हार-पुत्र ने मिट्टी के सैनिकों की सेना बनाई और उस पर पानी छिड़ककर उनमें प्राण फूंक दिए और इस सेना की सहायता से शत्रुओं को पराजित किया था। तब से इसे विजय के प्रतीक के रूप में शालिवाहन शक का प्रारंभ हुआ। युग और आदि शब्दों की संधि से बना है युगादि। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में उगादि और महाराष्ट्र में यह पर्व "गुड़ी पड़वा" के रूप में मनाया जाता है। 

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