जानें क्यों मनाया जाता है बैसाखी का त्योहार और क्या है इसका महत्व

बैसाखी 2023 जानें क्यों मनाया जाता है बैसाखी का त्योहार और क्या है इसका महत्व

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-14 06:50 GMT
जानें क्यों मनाया जाता है बैसाखी का त्योहार और क्या है इसका महत्व

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर साल बैसाखी का त्यौहार 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है। इस साल भी यह पर्व 14 अप्रैल यानि की आज शुक्रवार को मनाया जा रहा है। बैसाखी को समृद्धि और खुशहाली का त्योहार माना जाता है। इस दिन लोग अनाज की पूजा करते हैं और फसल कटकर घर आने की खुशी में प्रकृति और भगवान को धन्यवाद करते हैं। बैसाखी का त्योहार वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। 

बैसाखी का त्योहार प्रमुख रूप से पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत भागों में मनाया जाता है। बैसाखी को अलग अलग राज्यों में भिन्न नामों से जाना जाता है। असम में इसे बिहू, बंगाल में नबा वर्षा, केरल में पूरम विशु के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं बैसाखी क्यों मनाते हैं? और क्या है इसका महत्व

बैसाखी क्यों मनाते हैं?
सिख लोगों बैसाखी को नए साल के रूप में मनाते हैं। इस दिन फसलें की कटाई की जाती है। ऐसा बताया जाता है कि इस दिन 13 अप्रैल 1699 के दिन सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। तभी से बैसाखी मनाने का रिवाज चला आ रहा है। बैसाखी पर ही सिखों के नए साल की शुरुआत होती है। 

खालसा पंथ की स्थापना
बैसाखी से जुड़ी कई कहानियां हैं। साल 1699 में सिखों के 10वें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह ने बैसाखी के दिन ही आनंदपुर साहिब में खालसा पंत की नींव रखी थी। इस दौरान खालसा पंथ की स्‍थापना का मकसद लोगों को तत्‍कालीन मुगल शासकों के अत्‍याचारों से मुक्‍त करना था।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।


 

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