मासिक शिवरात्रि: आज बन रहा है ब्रह्म योग, इस विधि से करें महादेव की पूजा

माना जाता है कि, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-12 12:24 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू पंचाग के अनुसार, प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आज यानि कि 12 अक्टूबर, गुरुवार को है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। ऐसा माना जाता है कि, चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन व्रत रखने और विधि विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से दांपत्य जीवन सुखमय हो जाता है।

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस मासिक शिवरात्रि पर ब्रह्म योग बन रहा है। यह योग सुबह 10 बजे से शुरू हो चुका है। यह योग भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...

मुहूर्त

तिथि आरंभ: 12 अक्टूबर 2023, गुरुवार शाम 07.53 बजे से

तिथि समापन: 13 अक्टूबर 2023, रात 09.50 बजे तक

पूजा विधि

शिव चतुर्दशी व्रत में महादेव शिव के साथ माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय जी एवं शिवगणों की पूजा की जाती है। शिव जी की पूजा में प्रथम भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। उनके अभिषेक में जल, दूध, दही, शुद्ध घी, शहद, शक्कर या चीनी, गंगाजल तथा गन्ने के रसे आदि से अभिषेक किया जाता है।

अभिषेक करने के बाद बेलपत्र, समीपत्र, कुशा तथा दुर्बा आदि चढ़ाकर शिवजी को प्रसन्न करते हैं। अंत में गांजा,भांग, धतूरा तथा श्री फल(नारियल) शिव जी को भोग के रुप में समर्पित किया जाता है। शिव चतुर्दशी के दिन पूरा दिन निराहार रहकर इनके व्रत का पालन किया जाता है। शिव चतुर्दशी के दिन रात्रि के समय शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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