Masik Karthigai 2024: इस दिन मनाया जाएगा मासिक कार्तिगाई का पर्व, जानें पूजा विधि

  • इस माह यह पर्व 24 अगस्त, शनिवार को पड़ रहा है
  • दक्षिण भारत में मनाए जाने वाला प्रमुख पर्व है
  • तमिल हिंदुओं के लिए इसका महत्व और भी ज्यादा है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-23 12:20 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। दक्षिण भारत में हर महीने कृतिका नक्षत्र प्रबल होने पर मासिक कार्तिगाई (Masik Karthigai) का पर्व मनाया जाता है। इस उत्सव को कार्तिकाई बह्मोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव शंकर और भगवान मुरुगन की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक तत्वों का नाश होता है और जीवन में नवीन ऊर्जा का संचार होता है। इस माह यह पर्व 24 अगस्त, शनिवार को पड़ रहा है। आइए जानते हैं इस दिन का महत्व और पूजा विधि...

महत्व

तमिल धार्मिक ग्रंथों के अनुसार-चिरकाल में एक बार भगवान ब्रह्मा और विष्णु के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया। उस समय विवाद के निपटारे के लिए भगवान शिव ने स्वयं को दिव्य ज्योत में बदल लिया था। कालांतर से इस पर्व को मनाने का विधान है। मासिक कार्तिगाई पर दीपक जलाने का विशेष महत्व है। इस दिन तमिल हिंदू लोग तिल के तेल या घी का दीपक जलाते हैं। इस अवसर पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस पूजा से जीवन में सुख-शांति आती है।

पूजा विधि

- मासिक कार्तिगाई दीपम के दिन सुबह उठें स्नानादि से निवृत्त हों।

- इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।

- अब मंदिर की साफ-सफाई करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।

- चौकी पर कपड़ा बिछाकर महादेव, मां पार्वती और भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा विराजमान करें।

- इसके बाद भगवान शिव का अभिषेक दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत आदि से अभिषेक करें।

- भगवान को फल, मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।

- घी का दीपक जलाकर आरती करें।

- अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण कर खुद भी ग्रहण करें।

- अगले दिन पूजा-पाठ संपन्न कर व्रत खोलें।

- इस व्रत में यदि आप दिनभर उपवास रख पाने में सक्षम नहीं हैं तो फलाहार कर सकते हैं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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