Kokila vrat 2024: सुयोग्य वर और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है ये व्रत, जानिए मुहूर्त और पूजा विधि

  • यह दिन लक्ष्मी-नारायण के लिए समर्पित है
  • कहा जाता है य​ह व्रत देवी सती ने किया था
  • विवाहित लोगों का दांपत्‍य जीवन खुशहाल होता है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-19 12:24 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में जितना महत्व अमावस्या का है, उतना ही पूर्णिमा तिथि का भी है। हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि के दिन कोकिला व्रत (Kokila vrat) रखा जाता है। यह दिन लक्ष्मी-नारायण के लिए समर्पित है। पुराणों के अनुसार, कालांतर में इस व्रत को देवी सती ने किया था। इस व्रत के पुण्य प्रताप से माता सती का विवाह भगवान शिव से हुआ।

ऐसी मान्यता है कि, इस व्रत को करने से विवाहित लोगों का दांपत्‍य जीवन खुशहाल होता है। वहीं ​यदि कुंवारी कन्‍याएं इस व्रत का पालन करती हैं तो उन्हें सुयोग्‍य वर की प्राप्ति होती है। इस साल यह व्रत 20 जुलाई 2024, शनिवार को रखा जाएगा। आइए जानते हैं इसकी पूजा विधि और मुहूर्त...

तिथि कब से कब तक

पूर्णिमा तिथि आरंभ: 20 जुलाई 2024, शनिवार की शाम 5 बजकर 59 मिनट से

पूर्णिमा तिथि समापन: 21 जुलाई 2024, रविवार की दोपहर 3 बजकर 46 मिनट तक

पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 7 बजकर 19 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 22 मिनट तक

इस विधि से करें पूजा

- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

- इसके बाद सूर्य को अर्घ दें और व्रत का संकल्प करें।

- इसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें।

- शिवजी का दूध और गंगाजल के साथ अभिषेक करें।

- कोकिला व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है।

- भगवान शिव को सफेद और माता पार्वती को लाल रंग के पुष्प अर्पित करें। 

- बेलपत्र, भांग, धतूरा, दूर्वा, दीपक, धूप और अष्टगंध का भी इस्तेमाल करें।

- इस दिन पूजा करते समय कोकिला व्रत कथा का पाठ जरूर करें।

- पूजा के आखिरी में शिवजी की आरती करें और बाद में उन्हें भोग लगाएं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Tags:    

Similar News