Kamika Ekadashi 2024: कामिका एकादशी पर इस विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा, जानिए मुहूर्त और विधि

  • इसे पावित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है
  • इस बार यह एकदशी 31 जुलाई को पड़ रही है
  • श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को इसका महत्व बताया था

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-30 07:41 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। श्रावण मास को भगवान शिव का प्रिय महीना कहा जाता है, लेकिन इस महीने में कई ऐसे व्रत आते हैं जब शिवजी के अलावा अन्य देवी- देवताओं की विशेष पूजा भी की जाती है। इन्हीं में से एक है सावन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी, जिसे (Kamika Ekadashi) नाम से जाना जाता है। इसके अलावा इसे पावित्रा एकादशी भी कहा जाता है।

इस बार यह एकदशी 31 जुलाई को पड़ रही है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी खास मानी गई है। पुराणों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को महाभारत युद्ध के दौरान कामिका एकादशी का महत्व बताया था, उन्होंने युधिष्ठिर को बताया कि जो मनुष्य कामिका एकादशी का व्रत करता है उन्हें उनके जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं इस व्रत की पूजा विधि और मुहूर्त के बारे में...

मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ: 30 जुलाई, मंगलवार शाम 04 बजकर 44 मिनट से

एकादशी तिथि समाप्त: 30 जुलाई, बुधवार दोपहर 03 बजकर 55 मिनट तक

ऐसे करें पूजा

- एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्यक्रिया से निवृत्त होने के बाद स्नान करें।

- इसके बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।

- भगवान विष्णु और शालिग्राम की प्रतिमा को पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक कर

- पूजा धूप, दीप, फल, एवं नैवेद्य से करना अति उत्तम फल प्रदान करता है।

- प्रतिमा पर कुमकुम, सुगंधित चंदन, सुगंधित पुष्प और तुलसी पत्ती या मंजरी अर्पित कर भगवान को प्रसाद चढ़ाएं।

- भगवान विष्णु के मन्त्र "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का यथासंभव जप करें।

- इस दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ अवश्य करें।

- धूप दिप से भगवान विष्णु की आरती करें।

- व्रत रखने वाले को एकादशी की कथा पढ़नी या सुननी चाहिए।

- व्रत के आखिर में ब्राह्मण को भोजन खिलाकर दान देकर विदा करें।

- इसके बाद स्वयं भोजन ग्रहण करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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