व्रत उपाय: जया एकादशी के दिन करें ये उपाय, सुख समृद्धि में होगी वृद्धि, कष्टों से मिलेगी मुक्ति
- माघ मास की एकादशी को जया एकादशी नाम से जाना जाता है
- इसे सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाली एकादशी माना जाता है
- कुछ खास उपाय करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म में एकादशी का अत्यधिक महत्व है। वहीं आज 20 फरवरी को माघ मास की एकादशी है, जिसे जया एकादशी (Jaya Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी को सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाली एकादशी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि, इस एकादशी व्रत को करने से व्यक्ति को भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्ति मिलती है। वहीं कुछ खास उपाय भी बताए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन में सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलने के साथ ही सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में...
करें ये 5 उपाय
- जया एकादशी के दिन व्रत करना चाहिए और भगवान विष्णु के आगे घी का दीपक जलाकर उनका आह्वान कर विष्णु चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती और खुशहाली रहती है।
- इस दिन शाम के समय अपने घर के मंदिर में घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करना चाहिए। इसके बाद श्री नारायण के मंत्र - ऊँ नमो भगवते नारायणाय का जाप करें। इसे कम से कम 11 बार जप करें। ये उपाय एकादशी से शुरू कर लगातार तीन दिन तक करें। इस उपाय के करने से आपके करियर में उन्नति होगी।
- यदि आपका व्यापार धीमी गति से चल रहा है और उसे एक नई दिशा देना चाहते हैं तो जया एकादशी के दिन श्री विष्णु की पूजा के समय एक पीले रंग का कपड़ा लें। उसमें 2 हल्दी की गांठ, एक चांदी का या साधारण सिक्का और एक पीले रंग की कौड़ी रखकर, उस कपड़े में गांठ लगाकर पोटली बनाएं। इसके बाद पोटली को भगवान का आशीर्वाद लेकर अपने धन रखने वाले स्थान पर रख लें।
- जया एकादशी पर ग्रहों की शांति के लिए पूर्व दिशा की तरफ एक पटरे पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु का चित्र स्थापित करें। इसके बाद धूप दीप जलाएं और कलश स्थापित करें। वस्त्र, फल, फूल पान सुपारी आदि अर्पण करें और दाएं हाथ में जल लेकर पीड़ित ग्रहों को शांत करने की प्रार्थना करें।
- यदि आप शत्रुओं से घिरे हुए हैं और उनसे छुटकारा पाना चहाते हैं तो जया एकादशी के दिए एक उपाय जरूर करना चाहिए। इसके लिए कच्चा सफेद सूत का धागा लें और पीपल के पेड़ की 11 परिक्रमा करें। ध्यान रहे परिक्रमा के दौरान वह सूत का धागा पेड़ पर लपेट दें। इसके बाद प्रार्थना करें कि आपको कोई भी शत्रु आपको परेशान न करें। जल्द ही आपको शत्रुओं से मुक्ति मिलेगी।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।