Hartalika Teej 2024: सुहागिन महिलाओं के लिए खास है ये व्रत, जानिए पूजा की विधि और मुहूर्त

  • निर्जला व्रत रखकर शिव-पार्वती की आराधना की जाती है
  • कुंवारी लड़कियां व्रत रखकर अच्छे पति की कामना करती हैं
  • व्रत रखने से मन की हर मनोकामना पूर्ण होती है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-03 12:46 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां पति की लंबी उम्र की कामना के लिए निर्जला व्रत रखकर शिव-पार्वती की आराधना करती हैं। वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छे पति की कामना के लिए इस व्रत को रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि, इसी व्रत को रखकर मां गौरी ने शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। इसे रखने से मन की हर मनोकामना पूर्ण होती है और मनभावन पति मिलता है।

हरतालिका तीज का त्योहार इस वर्ष 06 सितंबर, दिन शुक्रवार को मनाया जा रहा है। बता दें कि, यह व्रत एक दिन पहले ही शुरू हो जाता है और दूसरे दिन भोर के पहले अंतिम हवन और विसर्जन के बाद पूर्ण होता है। आइए जानते हैं इस व्रत की तिथि और पूजा की विधि...

शुभ मुहूर्त

तृतीया तिथि आरंभ: 05 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से

तृतीया तिथि समापन: 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 21 मिनट तक

पूजा का शुभ समय: सुबह 06 बजकर 02 से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक

व्रत की पूजा विधि

- तृतीया के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान आदि से निवृत्त हों।

- अब भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।

- संकल्प लेते समय मां गौरी और महादेव का स्मरण करें।

- किसी साफ सुथरे शुद्ध स्थान पर शिव गौरी और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।

- फिर धूप दीप आदि पुष्प आदि पूजन सामग्री से विधि विधान से पूजा करें।

- अब माता पार्वती को सुहाग की पिटारी चढ़ाए।

- भगवान शिव जी के लिए धोती और अंगोछा चढ़ाएं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

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