हत्या का मामला: धनबाद जेल में अमन की हत्या यूपी के रितेश यादव ने की थी, बाइक चोरी मामले में फर्जी नाम से गिरफ्तार होकर पहुंचा था जेल

हत्या की जांच कर रही पुलिस पूरी साजिश के खुलासे के करीब पहुंच गई है

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-07 12:35 GMT

डिजिटल डेस्क, धनबाद। धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या की जांच कर रही पुलिस पूरी साजिश के खुलासे के करीब पहुंच गई है। 3 दिसंबर को जेल में अमन सिंह को गोलियों से छलनी करने वाले शख्स का नाम रितेश यादव है। वह यूपी के प्रतापगढ़ का रहने वाला है, जबकि जेल में वह सुंदर महतो के नाम से बंद है। यह उसका फर्जी नाम है। उसने इस नाम से फर्जी आधार कार्ड बनाया और एक सुनियोजित साजिश के तहत बाइक चोरी के मामले में गिरफ्तार होकर करीब 12 दिन पहले धनबाद जेल पहुंचा था। जेल जाने के पीछे उसका मकसद अमन सिंह की हत्या करना था और उसने तयशुदा प्लान के अनुसार इस वारदात को अंजाम दिया।

धनबाद पुलिस ने प्रतापगढ़ पहुंचकर इस बात का सत्यापन कर लिया है कि अमन की हत्या करने वाला शख्स रितेश यादव ही है। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि जेल में बंद गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या की प्लानिंग कभी उसके ही राइट हैंड माने जाने वाले आशीष रंजन उर्फ छोटू सिंह ने रची थी।

अमन के इशारे पर आशीष रंजन उर्फ छोटू ने धनबाद में हत्या, रंगदारी वसूली, अपहरण जैसे कई वारदात अंजाम दिए थे, लेकिन पिछले कुछ महीनों से अमन और उसके बीच मतभेद पैदा हो गया था। आशीष उर्फ छोटू ने अमन की हत्या के बाद एक ऑडियो मैसेज जारी कर इस वारदात की जिम्मेदारी ली थी। आशीष के मुताबिक अमन सिंह ने उसकी हत्या की प्लानिंग की थी और इसके लिए सुपारी तक दे दी गई थी। आशीष को इसका पता चल गया था, इसलिए उसने अमन सिंह की ही हत्या करवा दी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आशीष ने यूपी के कुणाल नामक अपराधी को सुपारी दी थी।

कुणाल ने अमन की हत्या के लिए प्रतापगढ़ के रितेश यादव को हायर किया। उसे धनबाद लाया गया और सुंदर महतो के नाम से बाइक चोरी के मामले में जेल भिजवाया गया। आशीष ने धनबाद जेल में बंद अपने पुराने साथी सतीश साव उर्फ गांधी को भी योजना में शामिल किया। गांधी ने अपने ही वार्ड में बंद विकास बजरंगी की मदद ली। रितेश जब जेल में आया, तो जेलकर्मियों की मिलीभगत से हथियार भी उस तक पहुंचवा दिए गए। फिर वही हुआ, जो योजनाबद्ध था। रितेश ने जेल में अमन पर गोलियां बरसा दी। फिर, पिस्टल गांधी व बजरंगी के जरिए छुपा दी गई।

पुलिस भी मानती है कि अमन जिस तरह जेल से ही रंगदारी व हत्या का प्लान रचता था और जिसे आशीष के जरिए अंजाम तक पहुंचाता था, उसी प्रकार आशीष ने बाहर रहकर जेल के अंदर ही अमन की हत्या करा दी। पुलिस ने यह तथ्य सत्यापित कर लिया है कि रितेश यूपी के प्रतापगढ़ जिला के देल्हूपुर थाना क्षेत्र के चांदपुर मुहल्ले का रहने वाला रितेश यादव है। प्रतापगढ़ गई धनबाद पुलिस की टीम ने जो जानकारी जुटाई है, उसके मुताबिक रितेश के पिता इंद्रपाल यादव सूरत में काम करते हैं।

मां गायत्री देवी आशा कार्यकर्ता हैं। उसके खिलाफ लूटकांड और चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के दो केस दर्ज हैं। पुलिस अभी रितेश को पांच दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। इस बात का खुलासा बाकी है कि उसने अमन सिंह को मौत के घाट उतारने का डील किन शर्तों पर किया था और उसे इसके एवज में कितने रुपए मिले या मिलने थे।

--आईएएनएस

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