तुलजापुर रेलवे स्टेशन: मेल ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग को लेकर, चौथे दिन भी जारी ग्रामीणों का अनशन
- तुलजापुर रेलवे स्टेशन पर मेल ट्रेनों को स्टापेज देने की मांग
- चौथे दिन भी जारी अनशन
- स्टापेज देने की मांग कर रहे हैं ग्रामीण
डिजिटल डेस्क, वर्धा. तुलजापुर रेलवे स्टेशन पर मेल ट्रेनों को स्टापेज देने की मांग को लेकर गत 27 जनवरी से शुरू हुआ 25 गांव के ग्रामीणों का बेमियादी अनशन मंगलवार को चौथे दिन भी जारी रहा। बावजूद इसके रेल प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। बता दें कि, विदर्भ राज्य आघाड़ी के जिलाध्यक्ष रामकिशोर रामाजी शिगनधुपे के नेतृत्व में ग्रामीणों ने हड़ताल शुरू की है। चौथे दिन आंदोलन में करीब 205 लोग शामिल हुए। गत पांच वर्ष से तुलजापुर रेलवे स्टेशन पर मेल ट्रेनों को स्टॉपेज देने की मांग की जा रही है। लेकिन रेल प्रशासन मात्र आश्वासनों की खैरात बांट रही है। फलस्वरूप ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गत पांच वर्ष में आंदोलन, चर्चा, निवेदन देने के बाद भी रेल प्रशासन गहरी नींद में है। तुलजापुर रेलवे स्टेशन से वर्धा, नागपुर, अमरावती में पढ़ाई के लिए जानेवाले विद्यार्थियों को ट्रेन के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। जिस कारण मेल ट्रेनों को स्टॉपेज देने की मांग को लेकर बेमियादी श्रृंखला अनशन जारी है। जब तक मांगें पूर्ण नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रखने के फैसले पर आंदोलनकारी डटे हुए हैं।
आशा व गुट-प्रवर्तकों ने सांसद तड़स के निवास पर दी दस्तक
महाराष्ट्र राज्य आशा व गुटप्रवर्तक कर्मचारी कृति समिति की ओर से 12 जनवरी से आंदोलन किया जा रहा है। बावजूद इसके प्रशासन व सरकार ध्यान नहीं देने से मंगलवार को आशा व गुट प्रवर्तकों ने सांसद रामदास तड़स के वर्धा स्थित निवासस्थान पर दस्तक देकर विरोध प्रदर्शन किया। इस समय सैकड़ों की संख्या में आशा व गुटप्रवर्तक शामिल हुए। आंदोलन आयटक के राज्य सचिव दिलीप उटाणे, सीटू के राज्य उपाध्यक्ष यशवंत झाडे के मार्गदर्शन में आयटक की शबाना शेख, ज्योत्सना राऊत, सीटू के भैयाजी देशकर, अर्चना घुगरे के नेतृत्व में किया गया। इस समय प्रतिभा वाघमारे, प्रमिला वानखेडे, रेखा तेलतुंबडे, सुजाता भगत, वीना पाटील, नंदा महाकालकर, मंजू शेंडे, शालिनी थूल, वैशाली निमसटकर, वृंदा ढोके, मीना लोणकर, वैशाली नंदरे, पुष्पा शंभरकर दीपाली तारणेकर, अलका पुरी, अश्विनी बोराडे, विभा आगलावे, सविता मांढरे, विजया साखले, सविता नवघरे, सहित अनेक आशा व गुटप्रवर्तक कर्मचारी उपस्थित थे।