Wardha News: 13 टर्म में 20 महिलाओं की दावेदारी केवल दो नेत्रियां ही बन सकीं विधायक

  • प्रभा राव चार बार और सरोज काशीकर एक बार पहुंचीं विधानसभा
  • दो नेत्रियां ही बन सकीं विधायक

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-03 14:26 GMT

Wardha News : प्रणिता राजुरकर | जिले के चारों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 1962 से लेकर अब तक हुए चुनाव में ज्यादातर पुरुषों का ही दबदबा रहा है । अगर इतिहास पर निगाह डालें तो विधानसभा चुनाव के 13 टर्म में 20 महिलाओं को ही उम्मीदवारी मिली। उस पर भी इनमें से केवल दो ही महिलाएं विधायक बन सकीं। इनमें से कांग्रेस की प्रभा राव 1972 से 1989 तक तथा 1995 से 1999 तक देवली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहीं। वर्ष 1990 में हुए विस चुनाव में देवली पुलगांव विस निर्वाचन क्षेत्र से शेतकरी संगठन की सरोज काशीकर ने प्रभा राव को पराजित किया था। इस पराजय से कांग्रेस को काफी गहरा झटका लगा था। हालांकि सरोज काशीकर सिर्फ पांच साल तक ही विधायक रह सकीं। वर्ष 1995 में हुए चुनाव में प्रभा राव ने देवली-पुलगांव विस की सीट सरोज काशीकर से छीन ली। तत्पश्चात प्रभा राव 1999 तक विधायक रहीं। हालांकि वर्ष 1962 और 1967 के विधानसभा चुनाव में वर्धा जिले के वर्धा, आर्वी, देवली-पुलगांव और हिंगणघाट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से किसी भी महिला को उम्मीदवारी नहीं मिल सकी थी, लेकिन वर्ष 1972 से स्थितियां बदलीं और महिलाओं ने चुनाव मैदान में भाग्य की आजमाना शुरू किया।

वर्ष 1972 से 2019 तक 26 महिलाएं चुनाव लड़ चुकी हैं। कुल मिलाकर वर्धा जिले के अब तक के इतिहास में महिलाओं को कम ही मौका मिला। इस दौरान चुनाव लड़नेवाली महिलाओं में प्रभा राव, विद्या मोतीराम सखाराम, कांता देवराव नैताम, निर्मला राजेंद्र पाठक, सुमित्रा चिड़ाम, ललिता मधुसूदन कठालिया, कमल विनायक कुंभारे, ज्योति विजयराव खोडे, सरोज काशीकर, सुशीला सराफ, कौशल्या गजभिये, प्राॅ. सुरेखा अशोक देशमुख, कीर्ति आनंदराव सवाई, मंदा बाबाराव कोंबे, सुनीता इथापे, शोभा पोपटकर, प्रिया शिंदे, उषा अरुण थुटे, लता थूल, मंदा ठाकरे शामिल थी। इस बार यानी 2024 के विस चुनाव में भी राकांपा शरद पवार गुट की मयूरा अमर काले को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश पार्टियों ने किसी भी महिला को टिकट नहीं दिया।

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