नागपुर: बेमौसम बारिश ने बरपाया कहर, अब मदद की दरकार - क्षेत्र की फसलें हो रही हैं तबाह
- शिवसेना (उबाठा) ने भी की मुआवजे की मांग
- यवतमाल की तीन तहसीलों में 6 हजार हे. क्षेत्र की फसलें तबाह
डिजिटल डेस्क, वर्धा/ यवतमाल। प्राकृतिक आपदाओं से पहले से ही परेशान किसानों की मुसीबतें शनिवार और रविवार को आई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने एक बार फिर बढ़ाकर रख दी है। इस बेमौसम बारिश से किसानों के खेतों में पकने की कगार पर आईं फसलें खराब हो गई। अब किसान आंदोलन कर सरकार से मुआवजे की गुहार लगाते नजर आ रहे हैं।
देवली में शनिवार व रविवार को तहसील के अधिकतर गांवों में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। शासन से नुकसान के पंचनामा कर प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपए की मदद देने की मांग को लेकर सोमवार को तहसील के किसान व युवा संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने अर्थनग्न मोर्चा निकालकर तहसील कार्यालय में दस्तक दी। अनेक गांवों में गेहंू, चना, सब्जी, फल आदि फसलों का भारी नुकसान हुआ। इस कारण किसानों को प्रति एकड़ 50 हजार रुपए मदद देने की मांग को लेकर अर्थनग्न मोर्चा निकालकर तहसील कार्यालय पर दस्तक दी गई।
तहसीलदार दत्तात्रय जाधव के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम से विविध मांगों का निवेदन दिया गया। इस आंदोलन में युवा संघर्ष मोर्चा के किरण ठाकरे, प्रवीण कात्रे, समीर सारजे, संदीप दिघीकर, लोमहर्ष बालबुदे, स्वप्रील मदनकर, गौतम पोपटकर, मुरली टावरी, अमोल मानकर, गणेश ताकसांडे, गुणवंत वर्के अदितय तीरोटकर, कृष्णा डफरे सहित तहसील के अनेक गांवों के किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
शिवसेना (उबाठा) ने भी की मुआवजे की मांग
वर्धा जिले में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों की चना, गेहूं, अरहर और कपास की फसलों को नुकसान पहुंचा है। किसानों के नुकसान की भरपाई को लेकर शिवसेना उद्धव गुट ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। पार्टी ने जिलाधिकारी से मांग की है कि इसे गंभीरता से लेते हुए तुरंत क्षतिपूर्ति की भरपाई की जाए। इस संबंध में उचित पहल नहीं होती है तो धरना-प्रदर्शन करने के लिए विवश होंगे।
शिवसेना वर्धा विधानसभा प्रमुख निहाल पांडे ने कहा कि किसानों के सामने बड़ी समस्या है कि वे शिकायत कहां दर्ज कराएं और कहां से मदद लें। क्योंकि तहसीलदार सिर्फ पंचनामा करते हैं और मदद की दिशा में पहल नहीं करते हैं। इसलिए जिला प्रशासन स्वत: संज्ञान लेते हुए क्षतिपूर्ति की भरपाई करें। इस मौके पर महिला आघाड़ी उपजिला प्रमुख भारती कोटमकर, मिलन गांधी, दिनेश देवतले, शेखर इंगोले, अमित भोसले, चिरंजीव माकेशवर, प्रीतम लाखे, प्रशांत व अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
यवतमाल की तीन तहसीलों में 6 हजार हे. क्षेत्र की फसलें तबाह
यवतमाल में बीते 2 दिन में बाभुलगांव, कलंब और उमरखेड़ तहसील के किसानों को ओलावष्टि का सामना करना पड़ा। आपदा के बाद प्रशासन को तुरंत सर्वे के निर्देश दिए गए थे। जिसके अनुसार सोमवार शाम को अंतिम सर्वे रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसमें इन तीन तहसीलों में करीब 6 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद होने की बात कहीं है। बाभुलगांव तहसील में मुबारकपुर, सावंगी, घारफल, किन्ही, गोंधली, खर्डा, परसोडी, येरंडगांव, तांबा, कोठा, फत्तेपुर, आसेगांव देवी और आलेगांव आदि ग्रामों में 2 हजार 494 हेक्टेयर पर गेहूं, चना, तुअर, संत्रा आदि फसलों का नुकसान हुआ है। कलंब तहसील के ग्राम हिवरा, ब-हाणपुर में 55 हेक्टेयर तो उमरखेड तहसील के ग्राम करंजी, सावली, बिटरगांव, भोजनगर, पिंपलगांव, रतन नाईक नगर, चातारी, ब्राम्हणगांव, हरदला, धानोरा आदि ग्रामों में 3 हजार 435 हेक्टेयर का नुकसान हुआ है।
कुल तीन तहसील में 5 हजार 984 हेक्टेयर रबी फसलों का नुकसान होने की बात रिपोर्ट में कही है। आंधी तूफान, बारिश और ओलावृष्टि के चलते फसलों को भारी नुकसान होता है।
आष्टी तहसील में शनिवार को हुए बेमौसम बारिश व ओलावृष्टी के कारण किसानों के रबी मौसम के फसल सहित सब्जी, फलबाग का भारी नुकसान हुआ। शासन से नुकसान की भरपाई करने की मांग किसान कर रहे हैं। तहसील में शनिवार की रात 10 बजे के दौरान अचानक हुए बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि खेतों में उगे गेहूं व चने की फसल सहित प्याज व सब्जी के फसल, संतरे की फसल का भारी नुकसान हुआ है।
इस बेमौसम बारिश के कारण तलेगांव सहित आसपास के परिसर के फसल का सर्वाधिक नुकसान हुआ है। सोमवार को आष्टी के तहसीलदार डॉ. हंसा मोहने को इस बेमौसम बारिश व आलावृष्टी के कारण हुए नुकसान का तत्काल पंचनामा कर नुकसान भरपाई देने की मांग का निवेदन दिया गया। निवेदन देते समय रानवाडी गांव के पूर्व उपसरपंच किशोर संतोषराव रानोटकर, शंकर वानखेडे, वामनराव गाडगे, विश्वेश्वर गुल्हाने, विपीन पाचपोहर, रमेश नांदूरकर सहित अनेक किसान उपस्थित थे।