दहशत: ताड़गांव के जंगल में फिर लौटा बाघ
- समुद्रपुर के साथ हिंगणघाट में भी बाघ की दहशत
- येरणवाड़ी-शिरुड परिसर में दिखे पगमार्क
डिजिटल डेस्क, समुद्रपुर. चिमूर की ओर भागा बाघ दोबारा समुद्रपुर के ताड़गांव जंगल में लौट आया है। इसके साथ-साथ हिंगणघाट में भी फिर से एक बार बाघ की दहाड़ सुनाई देने से ग्रामीणों में दहशत फैली है। हिंगणघाट में येरणवाड़ी-शिरुड परिसर में मंगलवार सुबह बाघ के पगमार्ग दिखाई दिए। वनविभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने का आह्वान किया है।गत तीन सप्ताह से समुद्रपुर के ताड़गांव परिसर में बाघ की दहशत बनी हुई है। इस बाघ ने पखवाड़े पूर्व एक किसान का शिकार किया था। वनविभाग बाघ को पकड़ने की तैयारी कर रही थी कि यह बाघ यवतमाल जिला, चिमूर परिसर में चला गया। इधर अब सोमवार को फिर से ताड़गांव जंगल में बाघ लौटने की जानकारी तहसील वनपरिक्षेत्र अधिकारी नीलेश गावंडे ने दी है। ताड़गांव जंगल में फिर से घुसे बाघ को पकड़ने के लिए वनविभाग की टीम लगी हुई है। मचान बनाए जा रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर अब हिंगणघाट में भी दूसरे बाघ ने प्रवेश किया है। गत दो दिनों पूर्व हिंगणी, सेलू परिसर में जिस बाघ के पगमार्ग दिखाई दिये थे, वो बाघ ताड़गांव परिसर में नहीं मिला। इस बाघ के दूसरा होने की जानकारी है। सेलू तहसील के हिंगणी में शनिवार से ही बाघ का मुक्त संचार शुरू है। यह बाघ मंगलवार को अल्लीपुर से आगे शिवणगांव परिसर में जाने की जानकारी है। सेलू के पिंपलगांव परिसर में भी बाघ के पगमार्ग दिखाई दिए थे। हिंगणघाट तहसील अंतर्गत येरणवाडी-शिरुड परिसर में बाघ के पगमार्ग दिखाई दिए। इससे इस मार्ग से जानेवाले वाहन चालकों के साथ ही आस पास के गांव के नागरिकों ने भी सतर्क रहने का आह्वान वनविभाग की ओर से किया गया है।
पिंपलगांव परिसर में भी बाघ की दहशत
सेलू तहसील के पिंपलगांव परिसर में बाघ गत दो दिनों से बाघ की दहशत है। सोमवार को इस परिसर स्थित खेत में बाघ के पगमार्ग दिखाई देने से किसान, खेतिहर मजदूरों में दहशत है। बाघ का तुरंत बंदोबस्त करने की मांग नागरिकों ने वनपरिक्षेत्र अधिकारी हिंगणी से की है। परिसर के कोपरा, देऊलगांव परिसर में गत दो दिनों पूर्व बाघ ने किसान के समक्ष ही गाय का शिकार किया था। अब फिर से पट्टेदार बाघ के पगमार्ग दिखाई देने से पिंपलगांव परिसर में दहशत है। खेत में बाघ के पगमार्ग होने की जानकारी अनंता नागतोड़े ने वनविभाग के अधिकारियों को दी। इसके बाद बाघ के पिंपलगांव, कोपरा, देऊलगांव परिसर में दिखाई देने से ग्रामीणों में डर का माहौल है।