तीन निजी अस्पताल अस्थायी रूप से बंद
बिना परमिशन चला रहे थे, कई खामियां भी आई सामने
डिजिटल डेस्क, कारंजा घाडगे(वर्धा)। वरिष्ठों के आदेश पर ग्रामीण अस्पताल की प्रभारी अधीक्षक डॉ. स्मिता कन्नाके के नेतृत्व में एक टीम ने कारंजा तहसील के निजी अस्पतालों की जांच का अभियान शुरू किया। जांच के दौरान कारंजा के करीब तीन निजी अस्पताल बिना लाइसेंस के चलते पाए गए। इन अस्पतालों के पास बॉम्बे नर्सिंग होम एक्ट तथा फायर अनुमति के दस्तावेज नहीं पाए गए। जब तक यह अनुमति नहीं मिलती तब तक यह अस्पताल बंद करने के आदेश कारंजा के प्रभारी अधीक्षक डॉ. स्मिता कन्नाके ने दिए। बंद किए गए अस्पतालों में डॉ. भट्टड, डॉ. दुधे, डॉ. बुधवंत के अस्पताल शामिल हैं। कारंजा तहसील में करीब 80 गांव शामिल हैं। कारंजा में करीब 7 से 8 निजी अस्पताल अस्तित्व में हैं। अस्पताल शुरू रखने के लिए बॉम्बे नर्सिंगबना होम की अनुमति होना आवश्यक होता है।
लेकिन अनेक वर्षों से कारंजा के निजी डॉक्टर यह अनुमति लिए बिना अस्पताल चला रहे थे। इधर कारंजा तहसील के ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर फर्जी डॉक्टरों ने अपने व्यवसाय शुरू किए हंै। इसी के साथ शहर में भी बिना लाइसेंस से कुछ डॉक्टरों ने निजी अस्पताल शुरू किए हंै। अब तक ऐसे निजी अस्पतालों पर वरिष्ठ अधिकारियों ने किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की। अब वरिष्ठ अधिकारियों से इस ओर ध्यान देकर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले ऐसे बोगस डॉक्टरों के अस्पताल पर कार्रवाई करने की मांग की जा रही है। कारंजा घाडगे ग्रामीण अस्पताील की प्रभारी अधीक्षक डॉ. स्मिता कन्नाके ने बताया कि कारंजा के निजी अस्पतालों की जांच करने के वरिष्ठों के आदेश कारंजा ग्रामीण अस्पताल को प्राप्त हुए। उनके आदेश के अनुसार की गई जांच के दौरान कुछ निजी अस्पतालों में गड़बड़ी पाई गई। कुछ अस्पतालों ने अवधि खत्म होने के बाद भी लाइसेंस नवीनीकरण नहीं करवाया है। इनमें डॉ. भट्टड, डॉ. दुधे व डॉ. बुधवंत के गुरूमाऊली अस्पताल शामिल है। अनुमति मिलने तक यह अस्पताल अस्थायी रूप से बंद रहेंगे।