वर्धा: हादसे रोकने आवारा पशुओं को लगाए जाएंगे रिफ्लेक्टिव बेल्ट, बचाई जा सकेंगी जाने
- संभागीय आयुक्त ने ली उपक्रम की जानकारी
- आवारा पशुओं को लगाए जाएंगे रिफ्लेक्टिव बेल्ट
डिजिटल डेस्क, वर्धा. मानवीय गलतियों के कारण सड़कों पर होनेवाले हादसों में बड़े पैमाने पर जनहानि होती है। सड़कों पर घूम रहे जानवरों को टक्कर लगने से होनेवाली दुर्घटनाओं का प्रमाण बढ़ गया है। अब ऐसे हादसों को कम करने के लिए आवारा जानवरों की गर्दन पर रिफ्लेक्टिव बेल्ट लगाने का उपक्रम चलाया जा रहा है। इसके लिए उपप्रादेशिक परिवहन विभाग ने एप विकसित कर एप के आधार पर जियो टैगिंग की है। इस उपक्रम का जिलाधिकारी कार्यालय में उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी मो. यूसुफ मो. समीर से संभागीय आयुक्त विजयलक्ष्मी बिदरी ने विस्तृत जानकारी ली। इस समय जिलाधिकारी राहुल कर्डिले, मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोहन घुगे, जिला पुलिस अधीक्षक नुरूल हसन आदि उपस्थित थे।
संभागीय आयुक्त बिदरी ने कहा कि उपक्रम के कारण जिले में वाहन चालक और जानवर इन दोनों की रक्षा हो सकेगी। जानवरों को रिफ्लेक्टिव बेल्ट लगाकर विशेषत: कम प्रकाश की स्थिति अथवा रात के समय टक्कर होने की घटनाओं में कमी आएगी। ऐसा उपक्रम अन्य जिलों में भी चलाए जाने पर जानवरों के कारण होनेवाले हादसे घट सकते हैं। जिलाधिकारी राहुल कर्डिले के मार्गदर्शन में जिला नियोजन समिति के नावीण्यपूर्ण योजना से परिवहन विभाग के माध्यम से 5 हजार 500 रिफ्लेक्टीव बेल्ट लगाने का उपक्रम चलाया जा रहा है।
स्वयंसेवी संस्थानों के माध्यम से महामार्ग के गांव परिसर के जानवरों को यह रिफ्लेक्टिव बेल्ट लगाया जाएगा। हर जानवर को जियो टैग किया जाएगा। जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए तथा उपक्रम के प्रगति की समीक्षा लेने के लिए एप द्वारा सर्वसमावेशक फोटो लिए जाएंगे। जानवरों का रास्ते पर आना रोकना संभव नहीं होने पर भी रिफ्लेक्टिव बेल्ट लगाने के कारण होने वाली दुर्घटना टाली जा सकेंगी। नागरिकों से शहरी भागों में लावारिस जानवर दिखाई देने पर पशुसंवर्धन विभाग के साथ संपर्क करने का आह्वान जिला प्रशासन ने किया है।