वर्धा: हिंदी यूनिवर्सिटी के कुलपति का पद प्रभारी के भरोसे, नए की रेस में हैं पांच नाम

  • चयन प्रक्रिया में हो रही देरी
  • हिंदी यूनिवर्सिटी के कुलपति का पद प्रभारी के भरोसे

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-05 12:03 GMT

डिजिटल डेस्क, वर्धा, संजयकुमार ओझा | महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रो.रजनीशकुमार शुक्ल के इस्तीफा देने के बाद एक वर्ष से कुलपति पद प्रभारी के भरोसे है। स्थायी कुलपति अब तक हिंदी विश्वविद्यालय को नहीं मिला है। केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने नए कुलपति के लिए सर्च कमेटी गठित की है। इस सर्च कमेटी ने नई दिल्ली में नए कुलपति पद के लिए पांच दावेदारों के साक्षात्कार लिए है। जिसमें अमरावती विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.मुरलीधर चांदेकर, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो.सी.बी. शर्मा, त्रिपुरा केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रो.विनोद मिश्रा, काशी विद्यापीठ के प्रो.ओमप्रकाश सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कुमुद शर्मा शामिल है। इनमें से प्रो.मुरलीधर चांदेकर व प्रो.कुमुद शर्मा का नाम सबसे आगे होने की जानकारी हंै। केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से कुलपति के नाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की ओर भेजे गए है।

राष्ट्रपति द्वारा कुलपति के नाम पर अंतिम मुहर लगाने के बाद महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय को नया कुलपति मिलेगा। बता दें कि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रो.रजनीश कुमार शुक्ल का कार्यकाल 30 अप्रैल, 2024 तक था, मगर प्रो.रजनीशकुमार शुक्ल विवादों में घिरने के कारण उन्होंने 14 अगस्त, 2023 को ही अपने पद का इस्तीफा दे दिया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंंद्र प्रधान ने वर्धा के महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति के चयन के लिए सर्च कमेटी नियुक्त की थी। इस सर्च कमेटी ने नई दिल्ली में पांच दावेदारों के साक्षात्कार की प्रक्रिया पूर्ण की है। तत्कालीन कुलपति प्रो.रजनीशकुमार शुक्ल के 14 अगस्त, 2023 को इस्तीफा देने के बाद विश्वविद्यालय के वरिष्ठतम प्रोफेसर लेल्या कारूण्यकरा को कुलपति पद की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। इस बीच भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अपर सचिव ने 19 अक्टूबर, 2023 को एक आदेश देकर नागपुर आईआईएम के निदेशक डॉ.भीमराय मैत्री को हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति का प्रभार सौंपा। जिससे प्रो.लेल्या कारूण्यकरा ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर प्रो.लेल्या कारूण्यकरा के पक्ष में कोर्ट ने निर्णय सुनाया। इस बीच विवाद होने के बाद वर्तमान में हिंदी विश्व विद्यालय के कुलपति पद पर प्रो.के.के. सिंह नियुक्त है।

लोस व रास में उठा मुद्दा

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति के विवाद का मुद्दा लोकसभा व राज्यसभा में सदस्यों ने पिछले सप्ताह में उठाया। लोकसभा में फैजाबाद-अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद ने कुलपति पद के विवाद का मुद्दा व राज्यसभा में बिहार के आरजेडी सांसद मनोजकुमार झा ने वर्धा के महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के अनियमितता व भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था।

चयन प्रक्रिया में हो रही देरी

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय पिछले डेढ़ वर्ष से विवादों से घिरा है। स्थायी कुलपति का पांच वर्ष का कार्यकाल पिछले चार माह पूर्व खत्म हो गया है। मगर केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से नए कुलपति के चयन के प्रक्रिया में देरी हो रही हैं।

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