वर्धा: न्याय की मांग को लेकर निवेशकों ने शुरू किया सत्याग्रह
- वर्धा जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक कार्यालय
- निवेशकों ने शुरू किया सत्याग्रह
- न्याय की मांग
डिजिटल डेस्क, वर्धा. जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में ग्रामीण व शहरी विभाग के गरीब जनता के निवेश किए हुए 224 करोड़ रुपए वर्ष 2012 से फंसे हुए हैं। बावजूद इसके सरकार व प्रशासन भी ध्यान देने के लिए तैयार नहीं है। जिससे ग्रामीण व शहरी विभाग के निवेशधारकों ने सोमवार, 11 दिसंबर को जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के वर्धा शहर स्थित मुख्यालय पर दस्तक दी। मुख्यालय परिसर में बैठा सत्याग्रह शुरू करते हुए जब तक न्याय नहीं मिलता तब तक आंदोलन शुरू रखने की भूमिका निवेशधारकों ने व्यक्त की। बता दे कि, वर्ष 2012 में दी वर्धा जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक मर्यादित वर्धा आर्थिक संकट में पड़ गई। जिससे शहर सहित ग्रामीण विभाग के व्यापारी, किसान, मजदूरों द्वारा निवेश किए गए 224 करोड़ रुपए फंस गए। तब बैंक को सीआरआर रखने 30 करोड़ की जरूरत थी। परंतु तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने वो मदद देने से इंकार किया। जिसके बाद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बैंक को 166 करोड़ की मदद की। परंतु निवेशधारकों को कुछ नहीं मिला। तब से लेकर आज तक निवेशधारक मदद की अपेक्षा में है। किसी का पेंशन तो किसी की जमापूंजी इस बैंक में फंसी हुई है। वर्ष 2012 से आजतक निवेशधारकों को अपने हक के पैसों के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री रहते देवेन्द्र फडणवीस के कार्यकाल में बैंक को शासकीय मदद 166 करोड़ व होम ट्रेड के 95 करोड़ रुपए मिले हैं।
आर्थिक वर्ष 2020 में 93.32 करोड़, आर्थिक वर्ष 2021 में 8.37 करोड़ तथा आर्थिक वर्ष 2022 में 4.82 करोड़ व शुरू वर्ष में 14.3 करोड़ बैंक को मुनाफा मिला है। इन सभी बातों का विचार कर बैंक जरूरतमंद निवेशधारकों को राशि वापस लौटा सकती है। परंतु जानबुझरक उन्हें उनकी राशि वापस नहीं दी जा रही है। जिससे अब बैंक को शासन आर्थिक मदद करें या बैंक महाराष्ट्र राज्य स्टेट कॉ ऑपरेटिव बैंक में विलिन करें तथा निवेशधारकों को उनके हक की राशि लौटाने की मांग को लेकर बैंक के समक्ष निवेशधारकों ने बैठा सत्याग्रह शुरू किया। समाचार लिखे जाने तक वृद्ध, किसान, खेतमजदूर, सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी बैंक के समक्ष बैठे हुए थे। उक्त समय कारंजा तहसील के ठाणेगांव निवासी रमेश दलाल, मधुकर बगवे, गोपालराव रेवतकर, आष्टी तहसील के वडाला के मधुकर घुडे, कारंजा के वनराज इखार, छोटी आर्वी के राजेंद चरडे, वसंतराव राउत, कारंजा के खुशाल घाडगे, समुद्रपुर के हरिभाऊ भालकर, छोटी आर्वी के बापुराव सायवान, साहुर के महेश पांडे, वडाला के विजय भोंड, शंकर खंडार, संदीप पोटे, जयवंत शेटे, कारंजा के बाबाराव घाडगे, सचिन घाडगे, जया बावनकर, प्रभाकर बगवे, दुग्रवाडा के राजकन्या पाटील,मीना टोनकार, मंदा भलावी, पुष्पा लोनारे, महादेव कावले, गुणवंत मुडे, साहेबराव मुडे, सुनंदा मुडे, सुनीता आजमिरे, पंजाबराव आजमिरे, सुनील इंगोले, महादेव नेहारे सहित 100 के करीब निवेशधारक शामिल हुए।