समृद्धि महामार्ग हादसा: परिजनों का पांचवें दिन भी शुरू रहा बेमियादी धरना आंदोलन, 25 मृतकों को न्याय दिलवाने की मांग
- अबतक नहीं ली सुध
- हादसे को पांच माह का समय बीता
- पांचवें दिन भी शुरू रहा बेमियादी धरना आंदोलन
डिजिटल डेस्क, वर्धा. गत 1 जुलाई को बुलढाणा जिले में समृद्धि महामार्ग पर विदर्भ ट्रैवल्स हादसाग्रस्त हाेकर 25 यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। जिसमें वर्धा जिले के 2 वर्षीय बालिका सहित 14 लोगों का समावेश था। इस भीषण हादसे को पांच माह का समय बीत जाने के बाद भी अबतक मृतकों के परिजनों को न्याय नहीं मिला है और न ही सरकार इस ओर ध्यान दे रही है। जिससे निराश हुए परिजनों ने गुरुवार, 7 दिसंबर से सिविल लाइन स्थित गांधी प्रतिमा परिसर में बेमियादी श्रृंखला अनशन शुरू किया है। लेकिन सरकार, प्रशासन ने अबतक इस आंदोलन पर ध्यान नहीं देने से सोमवार, 11 दिसंबर को पांचवें दिन भी मृतकों के परिजनों का धरना आंदोलन शुरू रहा। 1 जुलाई को समृद्धि महामार्ग पर विदर्भ ट्रैवल्स हादसाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 20 परिवार के 25 लोगों की जान गई। इस हादसे की गंभीरता इतनी थी कि, समूचा महाराष्ट्र दु:ख के अंधेरे में शामिल हुआ। महाराष्ट्र राज्य उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री तथा तत्कालीन वर्धा जिले के पालकमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने हादसे के कारणों की जांच करने का आश्वासन दिया था। साथ ही मुख्यमंत्री की ओर से 25 लाख रुपए पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की थी। परंतु पीड़ित परिवार को राज्य शासन ने केवल 5 लाख रुपए दिए गए। शेष राशि को लेकर मौन धारण किया है। साथ ही हादसे के कारणों की जांच 150 दिन होकर भी संभ्रम में है।
लोकसभा, विधानसभा में हादसे का मुद्दा गुंजा। उस पर दिये गए जवाब को लेकर प्रशासन को भी जानकारी नहीं है। जिससे अबतक सरकार द्वारा दखल न लेने से मृतकों के न्याय व पीड़ित परिवार के हक के लिए परिजनों ने श्रृंखला अनशन शुरू किया है। जिसमें 150 दिन बीतने के बाद भी जांच को लेकर संभ्रम होने से आरोपी के विरोध में दाखिल दोषारोपपत्र हर एक पीड़ित परिवार को उपलब्ध करें, शेष 20 लाख रुपए तुरंत अदा करें, 25 निरअपराधों की जान लेनेवाली विदर्भ ट्रैवल्स आज भी सड़क पर दौड़ रही है। विदर्भ ट्रैवल्स की मान्यता रद्द करें, एक जांच समिति गठित करें आदि मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है, लेकिन अबतक आंदोलकारियों से न तो प्रशासकीय कोई अधिकारी मिलने आया है और न ही कोई राजनेता। जिससे आंदोलनकारियों में निराशा फैली हुई है। अगर विधानसभा सत्र में न्याय नहीं मिलता है तो तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी पुणे का वनकर परिवार, गंगावणे परिवार, वर्धा जिले का तायडे परिवार, पोहनेकर परिवार, गांडोले परिवार, गोठे परिवार, राउत परिवार, बुधबावरे परिवार, पोकले परिवार, खोड़े परिवार, खेलकर परिवार, वंजारी परिवार, नागपुर का सोमकुवर परिवार, शेख परिवार, काले परिवार, गुप्ता परिवार, यवतमाल का पाते परिवार, सोनवणे परिवार, अमरावती का खड़से परिवार, वाशिम का बहाले परिवार ने दी हैं।