ग्राउंड रेंट: दो वर्ष में किसी भूधारक की नहीं बढ़ी लीज

  • आठ माह बाद भी सरकार ने नहीं लिया निर्णय
  • भूधारक की नहीं बढ़ी लीज

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-01 12:47 GMT

डिजिटल डेस्क, वर्धा. शहर के रामनगर स्थित घरों की लीज की वृद्धि की समस्या दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है। विधायक डा. पंकज भोयर के प्रयास से वर्ष 2021 में 30 वर्ष के लिए लीज बढ़ाने को मंजूरी तो राज्य सरकार ने दे दी, लेकिन उसके लिए 50 से 60 हजार रुपए प्रति वर्ष ग्राउंड रेंट अदा करने की जटिल शर्त रख दी। लेकिन इतने बड़े प्रमाण में ग्राउंड रेंट अदा करना लीजधारकों के बस में नहीं होने से दो वर्ष में अबतक एक भी भूधारक ने लीज नहीं बढ़ाई है। जिससे लीज धारकों के समक्ष बड़ी समस्या निर्माण हो गई है।

उल्लेखनीय है कि, रामनगर स्थित वर्धा नगर परिषद मालकियत के सर्वे क्रमांक 104,110 व 114 की जगह में मूल रुप से 707 भूूखंड हैं। लेकिन वहां 1056 भूखंडधारक रह रहे हैं। उनमें से 540 भूखंडधारकों के पास पंजीयनकृत दस्तावेज उपलब्ध हंै। शासन ने उन्हें ग्राउंड रेंट पर भूखंड वर्ष 1991 से 2021 इस 30 वर्ष की अवधि के लिए यानी 1 अप्रैल 2021 तक बढ़ाया था। अप्रैल 2021 में लीज समाप्त होने से फिर से 540 भूखंड धारकों के लिए आगामी 30 वर्ष यानी 31 मार्च 2051 तक बढ़ाकर देने की मंजूरी प्रदान की।

शेष 516 भूखंडधारकों में से जिनके पास खरीदी बिक्री व्यवहार के अलावा हस्तांतरण संदर्भ में कोई भी अभिलेख उपलब्ध नहीं है,उनके पास से त्रिसदस्यीय समिति द्वारा तय किए गए जमीन के बाजार मूल्य के 10 फीसदी अनर्जित राशि लेकर उनके नाम वर्ष 2021 से 2051 इस वर्ष की अवधि के लिए लीज बढ़ाने में शामिल होंगे, ऐसा शासन निर्णय था। लेकिन शासन ने इस निर्णय में जटिल शर्त लगाते हुए 1 हजार स्केयर फुट से अधिक भूखंड होने पर वार्षिक ग्राउंड रेंट 50 से 60 हजार रुपए अदा करने का आदेश निकाला। परंतु इतने बड़े प्रमाण पर लीज नवीनीकरण का वार्षिक ग्राउंट रेंट अदा करने की लीज धारकों की क्षमता नहीं है।

जिससे लीज धारकों ने आक्षेप दर्ज करते हुए नगर परिषद, जिलाधिकारी तथा विधायक डा पंकज भोयर को पत्र दिया था। जिस पर नगर परिषद ने फरवरी 2023 में शासन की ओर सुधारित प्रस्ताव भेजकर ग्राउंट रेंट कम करने या उचित मार्गदर्शन करने को कहा था। लेकिन तब से लेकर अबतक सरकार की ओर से किसी तरह की जानकारी नगर परिषद को नहीं मिली है। परिणाम स्वरुप वर्ष 2021 से बढ़े रामनगर लीज का मामला अभी भी शासन दरवार में प्रलंबित होने से लीज धारकों की समस्या बढ़ गई है। जब तक सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है तब तक लीज बढ़ाने का प्रश्न अधर में अटका हुआ है। याने तब तक ना तो लीज बढ़ सकती है और ना ही समस्या हल हो सकती है।

पहले देना पड़ता था 200 से 300 रुपए रेंट : बता दे कि, इससे पूर्व 2021 तक 30 वर्ष के लिए रामनगर लीज बढ़ाई गई थी। उसके लिए लीज धारकों को वार्षिक किराए के तौर पर मात्र 200 से 300 रुपए अदा करने पड़ते थे। जो लीज धारकों के बस में होने से उन्हें कोई समस्या नहीं थी। परंतु अब वार्षिक किराए के तौर पर 50 से 60 हजार रुपए अदा करने की शर्थ रखने से लीज धारकों के समक्ष समस्या निर्माण हो गई है। परिणाम स्वरुप लीजधारक बार-बार नगर परिषद के चक्कर लगा रहे हैं।

भेजा गया है प्रस्ताव

निखिल लोहवे, नप के मुताबिक रामनगर लीज बढ़ाने के संदर्भ में शासन ने 2051 तक मंजूरी प्रदान की है। लेकिन उसमें शर्थ रखकर एक हजार स्केअर फिट जमीन होनेवाले लीज धारक को हजारों रूपए ग्राउंड रेंट भरने को कहा गया है। लेकिन लीजधारकों ने ग्राउंट रेंट भरने से इंकार किया है। इस संदर्भ में राज्य सरकार की ओर प्रस्ताव भेजा गया है।


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