वर्धा: मांगे मंजूर नहीं होने से ठेका स्वास्थ्य कर्मी हुए आक्रामक

  • शासन के प्रतीकात्मक पुतले का दहन
  • जलाई प्रमाणपत्र की होली

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-25 14:38 GMT

डिजिटल डेस्क, वर्धा. गत 31 दिनों से ठेका स्वास्थ्य कर्मी समायोजन की मांग को लेकर बेमियादी कामबंद आंदोलन पर डटे हुए हैं। परंतु अबतक सरकार ने उनके आंदोलन की सुध नहीं ली है। जिससे मांगे मंजूर नहीं होने के कारण ठेका स्वास्थ्य कर्मी आक्रामक हो गए। शुक्रवार, 24 नवंबर को जिला परिषद के समक्ष शासन के प्रतीकात्मक पुतले को जलाकर कोविड के दौरान मिले प्रमाणपत्र तथा पीपीई कीट की होली जलाकर शासन का निषेध किया। जिला परिषद कार्यालय के सामने गत एक माह से राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान अंतर्गत ठेका स्वास्थ्य कर्मियों ने बेमियादी कामबंद आंदोलन शुरू किया है। जिसमें समायोजन करने की मांग की जा रही है। लेकिन शासन आंदोलन की ओर ध्यान नहीं दे रही है। जिससे अब कर्मचारी आक्रामक हो गए है। जिससे स्वास्थ्य कर्मियों ने शुक्रवार को अपना रोष जताते हुए शासन के प्रतीकात्मक पुतले का दहन किया तथा कोरोना काल में किए कार्य के चलते स्वास्थ्य कर्मियों को मिले प्रमाणपत्र की होली की गई। उक्त समय सरकार के विरोध में नारेबाजी की गई।

कृति समिति मुख्य मार्गदर्शक दिलीप उटाणे, प्रवीण बोरकर, मुख्य समन्वयक पवन वासनिक के नेतृत्व में आंदोलन किया गया। आंदोलन में संगीता रेवडे, डॉ वीणा वासनिक, डॉ अविनाश गणवीर, डॉ हेमंत खरासे, डॉक्टर टेंभेकर, डॉ रविकांत चौधरी, डॉ भारती पारधी, राजेश मोहदूरे, हनुमंत कांबले, संदीप नारीकर, अर्चना भुरे, भारती मून, शम्मा खान, सुशील राऊत, निखिल गायकवाड, मनोज वरभे, काजल पाटील, पुनम इंगले सहित बड़ी संख्या में ठेका स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए।

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