वर्धा: तीन सप्ताह बाद भी नहीं की गई सफाई, विसर्जित मूर्तियों से खतरे में पवनार धाम नदी का स्वास्थ्य
- ग्राम पंचायत व जिला प्रशासन की अनदेखी
- विसर्जित मूर्तियों से खतरे में नदी
- अबतक नहीं की गई सफाई
डिजिटल डेस्क, वर्धा. ग्राम पवनार से बहनेवाली धाम नदी वर्धा जिले का वैभव है। जीवनदायिनी धाम नदी से वर्धा शहर सहित आसपास के 13 गांवों में जलापूर्ति होती है, परंतु अब यह नदी पूरी तरह से प्रदूषित होकर यहां परिसर में गंदगी का साम्राज्य होकर हरी चादर छा गई है, मात्र इसकी सफाई की ओर ग्राम पंचायत के साथ-साथ जिला प्रशासन की अनदेखी होने से लोगों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ गया है। यहां बता दें कि आज से तीन सप्ताह पूर्व नवरात्रि में विसर्जित की गई मूर्तियों से धाम नदी पात्र के सभी ओर खंडित मूर्तियाें के अवशेष पड़े है। उल्लेखनीय है कि पवनार से बहनेवाली धाम नदी वर्धा शहर सहित पिपरी प्लस 13 गांवों को जलापूर्ति करती हैं।
इस नदी का स्वास्थ्य बरकरार रखना प्रशासन सहित नागरिकों की भी जिम्मेदारी है। गणेश विसर्जन के दौरान कृत्रिम कुंड पवनार परिसर में लगाए जाते है। लेकिन नवरात्रि के दौरान ऐसी कोई अलग व्यवस्था नहीं होती। जिससे मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन नदी में किया गया। जिसके बाद जिला प्रशासन व ग्रामपंचायत ने मिलकर इस नदी की सफाई करना आवश्यक था। लेकिन इस ओर अनदेखी की गई।
उल्लेखनीय है कि, पवनार धाम नदी तट पर आचार्य विनोबा भावे का आश्रम है। विभिन्न राज्यों से पर्यटक दर्शन के लिए आते हंै। जो नदी परिसर में घुमते है। लेकिन बढ़ते नदी प्रदूषण के कारण गलत प्रभाव पड़ रहा है। जिससे प्रशासन को इस ओर गंभीरता से ध्यान देना आवश्यक है।