वर्धा: बदरीले मौसम ने दाेबारा उड़ाई किसानों की नींद, लुढ़का पारा
- किसानों की फसल का बड़े पैमाने में नुकसान
- कपास, तुअर, चना, गेहूं की फसल
डिजिटल डेस्क, वर्धा. गत सप्ताह हुई बेमौसम बारिश से किसानों की कपास, तुअर, चना, गेहूं फसल का बड़े प्रमाण में नुकसान हुआ। अब बची फसल से किसी तरह किसानों की आस बंधी है। लेकिन रविवार से फिर आसमान में बादल छाये रहने दोबारा किसानों की नींद उड़ गई है। इसके अलावा पारा लुढ़कने से ठंड भी बढ़ गई है। पिछले कुछ दिनों से जिले में बदरीला मौसम बना हुआ है। मंगलवार को दिनभर आसमान में बदली छायी रही। रात को पौने आठ बजे हल्की बूंदाबांदी हुई। इससे पहले 27 व 29 नवंबर को हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की फसलों का बड़े प्रमाण में नुकसान किया था।
प्राकृतिक आपदा के कारण हाथ आयी फसल हाथ से निकल जाने के डर से किसान आर्थिक संकट में हैं। 3 दिसंबर से जिले में बदरीला वातावरण निर्माण होने से किसानों की नींद उड़ गई है। मौसम विभाग ने बारिश होने का अंदाजा जताया है। जिले में फिलहाल तुअर की फसल अंतिम चरण में तथा रबी मौसम के गेहूं, चना फसल प्राथमिक चरण में है।
गत सप्ताह जिले के अधिकतर क्षेत्र में बेमौसम बारिश ने हाजरी लगायी। इस बारिश के कारण खरीफ मौसम की तुअर व कपास की फसल सहित सब्जीवर्गीय फसल का बड़े प्रमाण में नुकसान हुआ। कपास के पौधों पर रहा कपास बारिश के कारण भिग जाने से इस का दर्जा घटने की बात कही जा रही है। दौरान मौसम विभाग ने बारिश होने का अंदाजा जताए जाने से किसानों ने रबी मौसम के फसल की बुआई कर फसल बचाने का प्रयास शुरू किया है।