वर्धा: जल्द पूरा होगा आचार्य विनोबा भावे रेलवे उड़ान पुल का काम
- रेलवे विभाग ने गर्डर लॉचिंग को दी अनुमति
- बैठक में तय होगी मेगा ब्लॅाक की तिथि
डिजिटल डेस्क, वर्धा. शहरा के बजाज चौक परिसर में गत 9 वर्ष से आचार्य विनोबा भावे रेलवे उड़ान पुल का काम शुरू है। लेकिन तकनीकी समस्या तथा धीमी गति से हो रहे काम के चलते अबतक यह काम पूरा नहीं हुआ है। लेकिन अब रेल विभाग से लाेनिवि को गर्डर लॉचिंग की अनुमति प्राप्त हुई है। जिससे आगामी कुछ दिनों में मेगा ब्लाक लेकर गर्डर लॉचिंग की जाएगी।बता दे कि, शहर के बजाज चौक स्थित आचार्य विनोबा भावे उड़ान पुल का काम गत 9 वर्ष से जारी है। वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव के दौरान केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितीन गड़करी चुनावी रैली के लिए वर्धा आये थे। इस दौरान उन्होंने पुल के विस्तारीकरण की घोषणा की थी। गडकरी ने अपना वादा निभाते हुए पुल के विस्तारीकरण के लिए 30 करोड़ की निधि दी। जिसके बाद करीब 2017 में लोनिवि की ओर से पुल का काम शुरू किया गया। परंतु पुल का निर्माण रेलवे लाइन पर होने के कारण पुल के निर्माण के लिए रेलवे की अनुमति आवश्यक है। किंतु दोनों विभागों में आपसी समन्वय का अभाव होने से उसका असर काम पर पड़ा। दो वर्ष में पूर्ण होनेवाले काम को 9 साल लग गए। अब जाकर यह काम अंतिम पड़ाव पर है। अब रेलवे लाइन के ऊपरी हिस्से का काम भी पूरा हुआ है। अब इस पुल निर्माण की लागत 45 करोड़ रुपए हो गई है। अबतक इस काम पर 42 करोड़ रुपए का निधि खर्च हुआ है। अब तक इस पुल के फिनिशिंग तथा छोटे टेक्नीकल काम शुरू है। परंतु फाइनल टेस्टींग होने के बाद ही आगे की प्रक्रिया पूरी हो सकती है। इसके लिए हाल ही में रेल विभाग ने लोक निर्माणकार्य विभाग को गर्डर लॉचिंग की अनुमति दी है। जिससे शीघ्र बैठक लेकर मेगा ब्लॉक लेते हुए लोहे की गर्डर लॉचिंग कर उड़ानपुल लोगों की सेवा में खुला किया जाएगा।
डिजाइन बदलने से काम में हुई देरी
बजाज चौक के आरओबी काम की शुरुआत 2017 में हुई थी। डिजाइन भी तैयार था। परंतु ऐन समय पर वर्ष 2019 में रेलवे ने डिजाइन बदल दिया। जिससे नए डिजाइन की मंजूरी के लिए फिर दो साल लग गए। जिसके चलते आरओबी का काम पूरा करने में देरी हुई। अब काम पूरा हुआ है। लेकिन फिर भी एक माह की अवधि लग सकती है।