वर्धा: पिपरी प्लस के 13 गांवों में 16 हजार अवैध नल कनेक्शन

  • ग्रीष्मकाल में गंभीर हो सकते हैं हालात
  • वैध नलधारकों को झेलना पड़ रहा जलसंकट

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-12 13:07 GMT

डिजिटल डेस्क, वर्धा, प्रणिता राजुरकर | महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण की ओर से शहर से सटे पिपरी प्लस 13 गांवों को जलापूर्ति की जाती है। यहां करीब 18 हजार से अधिक नल कनेक्शन है। परंतु इसके अलावा यहां अन्य 16 हजार अवैध नल कनेक्शन होने की चौकानेवाली बात सामने आयी है। इतना ही नहीं तो इन अवैध 16 हजार नल कनेक्शन धारकों का मजीप्रा की ओर किसी तरह का पंजीयन तक नहीं है। परिणामस्वरूप अब अतिरिक्त बोझ बढ़ने के कारण पिपरी प्लस 13 गांवों की जलापूर्ति पूरी तरह से प्रभावित होकर सीमावर्ती कुछ गांवों को 8-8 दिन पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। अभी से यह हालात है, तो ग्रीष्म के दिनों में पिपरी प्लस 13 गांवों में भीषण जलकिल्लत निर्माण होने की गहरी आशंका मजीप्रा की ओर से जताई गई है।

उल्लेखनीय है कि, शहर से सटे पिपरी मेघे प्लस 13 गांवों के लिए प्रादेशिक जलापूर्ति योजना कार्यान्वित है। मजीप्रा की ओर से पिपरी प्लस 13 गांवाें के लिए 18 हजार 745 नल कनेक्शन दिए गए हैं। जहां नियमित रूप से जलापूर्ति होती है। परंतु गत कुछ माह पूर्व यहां हर घर नल कनेक्शन देने के उद्देश्य से जिप के जलजीवन मिशन अंतर्गत 16 हजार नल कनेक्शन दिए गए। इन 16 हजार नल कनेक्शन का पंजीयन मजीप्रा की ओर करना आवश्यक था।

जलापूर्ति की क्षमता पर बढ़ा दुगना दबाव : 18 हजार ग्राहकों के लिए 22 एमएलडी जलापूर्ति की जाती थी। जिसमें 1 एमएलडी मलतब 10 लाख लीटर होती है। इस दौरान 20 घंटे पंप चलाया जाता था। परंतु अब 16 हजार अवैध नल कनेक्शन बढ़ने के कारण जलापूर्ति क्षमता पर दबाव बढ़ रहा है। जिससे 24 घंटे पंप चलाने के बाद भी लोगों को पानी ही नहीं मिल रहा है। जहां लोगों को एक दिन बाद जलापूर्ति होती थी वहां तीन से चार दिन बाद जलापूर्ति हो रही है।

जलापूर्ति का 25 करोड़ रुपए का बिल बकाया

पिपरी प्लस 13 गांवों के 18 हजार नल कनेक्शन धारकों पर गत अनेक वर्षो से जलापूर्ति का बिल बकाया है। इस बिल की राशि 25 करोड़ पर पहुंच गई है। जिससे मजीप्रा ने अभय योजना शुरू की है। इस योजना के तह 31 अक्टूबर तक जलापूर्ति का एकमुश्त बिल अदा करने पर शत-प्रतिशत ब्याज की माफी दी जाएगी। जिससे इस योजना का लाभ लेने का आह्वान मजीप्रा ने किया है।

ग्रीष्म में लोगों को कैसे देंगे पानी ?

डी एम धोटे, कनिष्ठ अभियंता, मजीप्रा के मुताबिक जिप के जलजीवन मिशन अंतर्गत पिपरी प्लस 13 गांवों में 16 हजार नल कनेक्शन मजीप्रा की अनुमति लिए बगैर दिए गए। इन 16 हजार कनेक्शन का पंजीयन मजीप्रा की ओर नहीं है। इस संदर्भ में वरिष्ठों को पत्र दिया गया है। लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अभी से जलापूर्ति प्रभावित होकर लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। जिससे ग्रीष्म में लोगों को कैसे पानी दे? यह प्रश्न मजीप्रा के समक्ष है। क्योंकि जलापूर्ति मजीप्रा की ओर से की जाती है। परंतु इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। जिससे यह नल कनेक्शन पूरी तरह से अवैध होकर उनका कोई भी रिकार्ड मजीप्रा की ओर नहीं है। बल्कि यह 16 हजार नल कनेक्शन धारक मुफ्त में पानी का इस्तेमाल करने के साथ ही पानी बर्बाद भी कर रहे हंै। उसका परिणाम यह है कि, गत कुछ दिनों से पिपरी प्लस 13 गांवों की जलापूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई है। हालात इतने गंभीर है कि, अभी से लोगों को नियमित रूप से पानी मिलना मुश्किल हो गया है। पहले एक दिन बाद पिपरी प्लस 13 गांवाें में जलापूर्ति होती थी, जो अब दो से तीन-दिन बाद हो रही है। वहीं सीमावर्ती वायगांव निपाणी व अन्य गांवों के लोगों को पानी के लिए 8 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। अभी से यहीं हालात होने के कारण ग्रीष्म के दिनों में पानी मिलेगा या नहीं? ऐसा सवाल उपस्थित हो रहा है।

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