पंछी सप्ताह: पंछियों की 114 प्रकार की प्रजातियां दर्ज

  • पंछी सप्ताह मनाने वाला महाराष्ट्र यह एकमात्र राज्य
  • 114 प्रकार की प्रजातियां दर्ज की गई

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-16 13:55 GMT

डिजिटल डेस्क, वर्धा. पंछी सप्ताह मनाने वाला महाराष्ट्र यह एकमात्र राज्य है। 5 से 12 नवंबर के दौरान सप्ताह भर पंछियों के विषय में जनजागृति, संरक्षण व संवर्धन हो, इस उद्देश्य से जिले में महाराष्ट्र पक्षीमित्र संगठन के मार्गदर्शन में जंगल डायरीज यू-ट्युब चैनल के संयुक्त तत्वावधान में पंछी सप्ताह मनाया गया। पंछी सप्ताह के दौरान जिले के 14 विविध अधिवासों में पंछी निरीक्षण किया गया। इस में प्रामुख्य से समुद्रपुर तहसील के पोथरा व लाल नाला बांध, आर्वी तहसील के सुकली (उबार) और वर्धा शहर समीप के दिग्रस व वायफड तालाब का समावेश था। जिले में दर्ज किए गए कुल पंछी प्रजाति में से करीब 38 प्रतिशत के अनुसार 114 प्रकार के पंछी प्रजाति दर्ज किए गए। ई-बर्ड इस संकेतस्थल पर सभी पंछी की प्रजातियां दर्ज किए गए है। स्थानीय स्थालांतरित, असुरक्षित व संकट समीप पंछी प्रजातियों के बारे में पंछी निरीक्षकों ने दर्ज किए हैं।

दौरान दुर्लभ काली टोपी वाला धीवर तथा दूसरे पंछियों के घोसलों में अंडे देनेवाले कारुण्य कोकिला का समावेश है। पंछि प्रजाति में विश्व संस्था आईयूसीएन के असुरक्षित सूची में रहने वाले नदी सुरय, संकट समीप सूची में रहे रंगीन गर्दन का करकोचा, तिरंदाज, काले सीर वाला शराटी तथा शिकारी पंछी शिक्रा पाया गया। साथ ही ठंड के दिनो में स्थालांतरित अडई, चक्रवाक, तलवार व भूवइ बदक, काला थिरथिरा आदि प्रजाति के पंछी दिखाई दिए। पंछी सप्ताह के दौरान आयोजित विविध कार्यक्रमो में शहर के वन्यजीव छायाचित्रकार व पंछी अभ्यासक राहुल वकारे, डॉ. चेतना उगले, प्रतीक पाल, पवन दरणे, अनिल गडवानी तथा निसर्गसाथी फाउंडेशन के प्रवीण कडू, प्रभाकर कोलसे, निजायुद्दीन सिद्दीकी, रवींद्र गोडे, अभंग कडू, अंजोर कडू आदि पंछी निरीक्षकों ने सहभाग लेकर पंछी निरीक्षण किया।

बड़े प्रमाण में होने वाली जंगलो की कटाई, कीटनाशक दवा का ज्यादा इस्तेमाल, तापमान में होने वाली वृद्धि, तालाब परिसर में बडे प्रमाण में होने वाली मच्छीमारी, सीमेंटीकरण का बढ़ता जाल ऐसे अनेक बातो के कारण पंछियो के प्रजाति को खतरा निर्माण हो रहा हे। इस सभी बातों पर हर पक्षी अभ्यासकों ने सामान्य नागरिक व प्रशासन को पंछियों के संवर्धन व संरक्षण का महत्व समझाया जाए, ऐसा आह्वान महाराष्ट्र पंछिमित्र के नागपुर विभाग के विदर्भ समन्वयक राहुल वकारे ने किया है।

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