पीएम के लिए मालवाहक रिक्शा में अस्पताल ले जाने विवश हुआ बेटा

  • सरपंच की सास है मृतिका, बुढ़ार अस्पताल में पीएम के बाद शव वापस घर लाने भी नहीं मिला शव वाहन

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-16 12:12 GMT

डिजिटल डेस्क,शहडोल।

पूरा देश सोमवार को जब 77वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा था, तभी शहडोल जिले के बुढ़ार थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम चिटुहला में एक आदिवासी वृद्धा की मौत ने एक बार फिर सिस्टम को तार-तार कर दिया। चिटुहला गांव की सरपंच छोटी कोल पति छोटे की सास दुलरिया कोल (75) रविवार दोपहर अचानक कुएं में गिर गईं और मौत हो गई। ग्रामीणों ने देर शाम तक किसी तरह शव निकाला और पुलिस को सूचना दी। स्थानीय पुलिस सोमवार को चिटुहला गांव पहुंची। मौका पंचनामा उपरांत यह कहकर लौट आई कि शव को पीएम के बुढ़ार अस्पताल लेकर पहुंचें। पुलिस के इस फरमान के बाद परिजन जैसे परेशान हो गए। मां के शव को अस्पताल तक ले जाने के लिए वाहन का इंतजाम करने प्रयास करने पर भी वाहन नहीं मिला और तभी विवश होकर बेटा कैलाश कोल मां के शव को मालवाहक रिक्शा में लेकर अस्पताल पहुंचा। बड़ी बात यह है कि अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद भी शव को घर तक ले जाने के लिए वाहन नहीं मिला और बेटा उसी मालवाहक रिक्शा में फिर मां का शव लेकर वापस घर पहुंचा।

पुलिस की संवदेनशीलता पर सवाल

मालवाहक रिक्शा में शव ले जाने मामले में पुलिस की संवेदनशीलता पर सवाल उठ रहे हैं। परिजनों का कहना है कि पुलिस बल सोमवार सुबह गांव पहुंचा था तो उनकी मदद से शव वाहन मिल सकता था। एडीशनल एसपी अंजुलता पटेल ने इस मामले की जांच की बात कही है।

जागरूकता की कमी के कारण ऐसी घटनाएं हो रही है। जिला प्रशासन ने शव वाहन का इंतजाम किया है। सूचना मिलती तो शव वाहन जरूर उपलब्ध करवाते।

वंदना वैद्य कलेक्टर

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