Shahdol News: शहडोल को अब भी संभागीय मुख्यालय नहीं मानता जनजातीय कार्य विभाग

  • शहडोल में इस साल 7 हजार 137 छात्रों ने आवास सहायता योजना में मदद मांगी है।
  • आवास सहायता योजना में पात्र आदिवासी छात्रों को जिला मुख्यालय मानकर राशि का भुगतान
  • हर माह 850 रूपए का नुकसान

Bhaskar Hindi
Update: 2024-12-03 09:47 GMT

Shahdol News: आदिवासी छात्र जो संभाग मुख्यालय शहडोल में किराए का कमरा लेकर कॉलेजों में उच्च शिक्षा की पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हे सरकार से मिलने वाली आवास सहायता योजना में हर माह 850 रूपए का नुकसान हो रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि जनजातीय कार्य विभाग आवास सहायता योजना में शहडोल को संभाग मुख्यालय नहीं मानता।

मध्यप्रदेश सरकार की आवास सहायता योजना में संभाग मुख्यालय में रहने वाले छात्रों को हर माह 2 हजार रूपए और जिला मुख्यालय में एक हजार 250 रूपए और विकासखंड व तहसील स्तर पर एक हजार रूपए आर्थिक सहायता का प्रावधान है। दूसरी ओर जनजातीय कार्य विभाग द्वारा शहडोल शहर के पात्र छात्रों को 1 हजार 250 रूपए की दर पर राशि का भुगतान किया जा रहा है।

बतादें कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 14 जून 2008 को शहडोल को संभाग मुख्यालय बनाया गया। आवास सहायता योजना 2016 में प्रारंभ हुई पर जनजातीय कार्य विभाग ने 8 साल बाद भी शहडोल को संभाग मुख्यालय नहीं माना। जनजातीय कार्य विभाग शहडोल में पदस्थ सहायक आयुक्त आनंद राय सिन्हा अब योजना में संभाग मुख्यालय सुधार के लिए प्रस्ताव भेजने की बात कह रहे हैं।

आवेदक 7 हजार छात्रों में 60 फीसदी मुख्यालय के

शहडोल में इस साल 7 हजार 137 छात्रों ने आवास सहायता योजना में मदद मांगी है। इसमें 60 प्रतिशत संख्या संभाग मुख्यालय में रहने वाले छात्रों की है। शेष छात्र विकासखंड व तहसील मुख्यालय स्तर पर रहकर कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षण संस्थानों ने अब तक 6 हजार 570 आवेदन मंजूर कर दिया है। 567 अलग-अलग कारणों से पेंडिंग है। मंजूर आवेदन में 6 हजार 369 छात्रों को जनजातीय कार्य विभाग ने राशि स्वीकृत कर दी है। जिन्हें बजट आते ही खाते में राशि ट्रांसफर की जाएगी।

शहडोल में कमरे का किराया महानगरों से भी ज्यादा

पंडित शंभूनाथ शुक्ला महाविद्यालय में बीएससी व बीए प्रथम वर्ष के छात्र क्रमश: मनमोहन सिंह धुर्वे और नागेंद्र सिंह मरावी खमरौद से आकर यहां किराए पर कमरा लिए हैं। इनका कहना है कि शहडोल में कमरा दूसरे महानगरों की तुलना ज्यादा मंहगा है। इसका कारण यह है कि शहडोल में किराए के कमरों की संख्या कम है और आसपास औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले लोग मंहगे दर पर कमरा किराए पर लेते हैं। दोनों ही छात्रों ने बताया कि उनका यह पहला साल है, आवास सहायता योजना का फार्म भरने वाले हैं।

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