Shahdol News: जिला पंचायत सीईओ ने नहीं भेजा प्रस्ताव सचिव अनुकंपा नियुक्ति के 19 मामले लटके
- मनमर्जी : अगस्त और सितंबर माह में संचालनालय ने दो बार मांगी जानकारी
- शहडोल के आवेदक अभी भी जिला पंचायत से लेकर कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।
Shahdol News: जिले की अलग-अलग पंचायत में सचिवों की आकस्मिक मृत्यु के बाद उनके परिजन अनुकंपा नियुक्ति के लिए 6 साल से कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे आवेदकों की संख्या 19 बताई जा रही है। पहले तो इन आवेदकों को जिले में पद खाली नहीं होने की बात कहकर मामले को पेडिंग में
रखा गया। इस बीच अनुकंपा नियुक्ति की राह तक रहे पीडि़तों की परेशानी तब और बढ़ गई जब भोपाल से राज्यस्तर पर खाली पदों को अनुकंपा नियुक्ति से भरने के लिए जानकारी मांगी गई और शहडोल जिला पंचायत सीईओ आर अंजली ने दो माह में जानकारी भोपाल नहीं भेजी। इस बीच प्रदेश के अन्य जिलों से जानकारी पहुंची तो वहां के आवेदकों को भोपाल से नौकरी के लिए ज्वाइनिंग का पत्र भी मिल गया।
इधर, शहडोल के आवेदक अभी भी जिला पंचायत से लेकर कलेक्टर और कमिश्नर कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। अनुकंपा नियुक्ति की राह तक रहे ऐसे 6 आवेदक सोमवार को भी अलग-अलग कार्यालय पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई। बता दें कि पंचायत राज संचालनालय द्वारा मध्यप्रदेश के सभी जिला पंचायत सीइओ को पहला पत्र 30 अगस्त 2024 को लिखा गया।
इसमें मध्यप्रदेश शासन के उस संशोधन का भी जिक्र किया गया जिसमें अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता तीन वर्ष से बढ़ाकर मृत्यु दिनांक से सात वर्ष की गई और 1 अप्रैल 2018 के बाद के प्रकरणों की जानकारी मांगी गई। संचालनालय से भेजे गए इस पत्र पर एक माह में जानकारी नहीं पहुंची तो दूसरा पत्र 27 सितंबर 2024 को भेजा गया। इस पत्र में भी जल्द जानकारी प्रेषित करने की बात कही गई।
जानकर ताज्जुब होगा कि इस पत्र के दो माह बाद भी शहडोल जिला पंचायत से जानकारी भोपाल के लिए प्रेषित नहीं हुई। लेटलतीफी पर जिला पंचायत सीइओ आर. अंजली से प्रतिक्रिया लेने फोन लगाने पर उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ। व्हाट्सअप में मैसेज का भी जवाब उन्होंने नहीं दिया।
संशोधन नियम से जगी उम्मीद तो जिला पंचायत के लगा रहे चक्कर
आवेदकों का कहना है कि राज्य शासन ने राहत दी तो अब जिला पंचायत के अधिकारी इसमें बड़ी बाधा बन गए हैं। जिन आवेदकों को अनुकंपा नियुक्ति का इंतजार है। उनमें सौरभ गुप्ता, राजेंद्र सोंधिया, ओमप्रकाश गुप्ता, सुनील कुमार मिश्रा, प्रदीप तिवारी, मनीष कनकने, हिमांशु रिछारिया, आशीष गुप्ता, सनल साहू, ओमप्रकाश बर्मन, अखिलेश मिश्रा, मोहम्मद निषाद सहित अन्य शामिल हैं। इनका कहना है कि पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति की राह तक रहे परिवारों को राज्य शासन ने मृत्यु दिनांक से तीन वर्ष तक अनुकंपा की शर्तों में संशोधन कर सात वर्ष किए जाने के बाद यहां कई आवेदकों की नौकरी को लेकर उम्मीद जगी है।
इधर, जनजातीय कार्य विभाग ने 26 माह में 34 मामले निपटाए
अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में जिला पंचायत में चल रही लेटलतीफी के बीच जिले में ही जनजातीय कार्य विभाग ने 26 माह में अनुकंपा नियुक्ति के 34 मामलों का निराकरण करवाया। विभाग की इस तत्परता से जहां जरूरतमंद परिवारों को नौकरी मिली। वहीं परिवार के सदस्यों ने राहत महसूस की। जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त आनंद राय सिन्हा ने बताया कि 29 अप्रैल 2022 के बाद जिन्हे अनुकंपा नियुक्ति दी गई।
उनमें प्रियांशु साहू, काजल सिंह, कुलदीप पांडेय, वेदप्रकाश सिंह, रामजी बैश, तरूणेंद्र सिंह, विनय द्विवेदी, शशांक सिंह, रामराज सिंह, सुरेंद्र कुमार साकेत, सविता सिंह, ज्योति सिंह, सचिन सिंह कंवर, सरिता मिश्रा, ध्रुव कुमार मिश्रा, रामनिवास प्रजापति, अभिषेक कुमार, प्रदीप पटेल, शुऐब अंसारी, सुमनलता बैगा, ऋषि कुमार कोल, रूकमणि पाव, निखिल प्रताप सिंह, गीता सोंधिया, प्रभात सिंह परिहार, रामबहोर साकेत, राम निरंजन गुप्ता, नवीन कुमार बैगा, शुभकरण सिंह, उदित नारायण नट, महेंद्र पूसाम, अभिनव श्रीवास्तव, शुभकरण कोरी व पार्वती बर्मन शामिल हैं, जिन्हेंं प्राथमिक शिक्षक व भृत्य पद पर नौकरी दी गई है।