Shahdol News: अधिकांश सरकारी स्कूलों में लगातार मांग के बाद भी नहीं बनी बाउंड्रीवाल
- अभिभावकों ने बताया कि यहां बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए कई बार मांग की गई है।
- दिन में असामाजिक तत्वों के जमावड़ा होने से पढ़ाई पर असर
Shahdol News: स्कूल भवन के सामने खलिहान की यह तस्वीर ग्राम पंचायत मझगवां में संचालित हाईस्कूल की है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत कराए जाने के बाद भी बाउंड्रीवाल नहीं बनी। कक्षा नवमीं में 35 बालक और 28 बालिका एवं कक्षा दसवीं में 13 बालक और 11 बालिका वाले इस विद्यालय में बाउंड्रीवाल नहीं होने का असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ता है।
यही स्थिति इसी गांव में संचालित शासकीय एकीकृत माध्यमिक विद्यालय मझगवां में पहली से कक्षा आठवीं तक 180 से ज्यादा छात्र पढ़ाई करते हैं पर इस विद्यालय में बाउंड्रीवाल नहीं है। छात्रों ने बताया कि बारिश के मौसम में कई बार कक्षा के अंदर तक सांप-बिच्छू के आ जाने से काटने का भय सताता रहता है। बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण कुछ ग्रामीणों ने परिसर के बीच से ही आम रास्ता बना लिया है, पढ़ाई के बीच परिसर के अंदर से ही ग्रामीणों का भी आवागमन भी होता है।
संभाग मुख्यालय के समीप ही अव्यवस्था-
संभाग मुख्यालय शहडोल से शाहपुर रोड पर दस किलोमीटर की दूरी में तीन से ज्यादा स्कूल ऐसे मिले जहां बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। शहडोल शहर से लगभग चार किलोमीटर दूर उमरिया जिले की सीमा में आने वाले ग्राम पंचायत डिडवरिया स्थित एकीकृत माध्यमिक विद्यालय में बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण परिसर पर खलिहान बना है।
यहां धान की मिसाई के दौरान भूसी उडक़र स्कूल तक पहुंचती है। इस गांव से आगे ग्राम पंचायत खम्हरिया खुर्द स्थित प्राइमरी विद्यालय में भी यही स्थिति है। बाउंड्रीवाल निर्माण को लेकर विद्यालय प्रबंधन द्वारा कई बार पाली स्थित अधिकारियों को सूचना दी। जानकारी उमरिया तक पहुंची पर समाधान नहीं हुआ।
सडक़ नजदीक, हादसे का डर
ग्राम पंचायत खौहाई स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय खौहाई में बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण बच्चों के सडक़ पर आने से हादसे की आशंका बनी रहती है। अभिभावकों ने बताया कि यहां बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए कई बार मांग की गई है।
बाउंड्रीवाल नहीं होने से नुकसान
> स्कूल में जरूरी सामग्री की चोरी की घटनाओं में इजाफा।
> रात में परिसर शराबखोरी का अड्डा बन जाता है।
> दिन में असामाजिक तत्वों के जमावड़ा होने से पढ़ाई पर असर।