Shahdol News: भर्ती घोटाले में दोषी पाए गए पांच कर्मचारी बर्खास्त पर नौ माह बाद एक की बहाली

  • जिले के बकहो नगर परिषद गठन के दौरान पंचायतकालीन कर्मचारियों के संविलियन का मामला
  • प्रभारी मंत्री ने जांच की कही बात

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-08 11:58 GMT

Shahdol News: नगर परिषद बकहो के गठन के दौरान पंचायतकॉलीन कर्मचारियों के संविलियन घोटाले में दो साल तक चली जांच के बाद 5 अक्टूबर 2023 को पांच कर्मचारियों को दोषी करार दिया गया। सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

इन कर्मचारियों में धनपुरी नगर पालिका के तत्कॉलीन सीएमओ रविकरण त्रिपाठी, तत्कॉलीन सहायक यंत्री राकेश तिवारी, उपयंत्री अजीत रावत, सचिव समय लाल सिंह और लिपिक सुरेश चंद्र शुक्ला शामिल रहे।

इनमें से एक कर्मचारी सहायक यंत्री वर्तमान में कार्यपालन यंत्री राकेश तिवारी को नौ माह बाद बहाल कर दिया गया। नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा 21 जून 2024 को जारी आदेश पर सवाल उठ रहे हैं तो नगरीय प्रशासन विभाग शहडोल के प्रभारी संयुक्त संचालक राधेश्याम मंडलोई यह कहकर चुप हो जाते हैं कि निर्णय भोपाल के उच्चाधिकारियों का है इसलिए वे कुछ नहीं कहेंगे।

बकहो नगर परिषद गठन के दौरान कर्मचारियों के संविलियन भर्ती घोटाले में दोषी पाए गए कर्मचारियों में से एक कर्मचारी की बहाली का मुद्दा जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ला के सामने भी उठा। 28 अगस्त को शहडोल दौरे के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री ने इस पूरे मामले को दिखवाने की बात कही है।

ऐसे चला बर्खास्ती और बहाली का खेल

तत्कालीन उप सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग हर्षल पंचोली द्वारा 5 अक्टूबर 2023 को जारी बर्खास्तगी आदेश में कहा गया कि उपलब्ध अभिलेख, जांचकर्ता अधिकारी के प्रतिवेदन एवं आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास की अनुशंसा के आधार पर प्रमाणित होता है कि ग्राम पंचायत बकहो की संपत्तियों और दायित्वों के हस्तांतरण के लिए गठित पांच सदस्यीय समिति द्वारा अपनों को उपकृत करने के लिए नियमों को ताक पर रखकर काम किया गया।

53 कर्मचारियों के संविलियन में गड़बड़ी से नगर परिषद बकहो को माह अक्टूबर 2021 तक लगभग 65 लाख रूपए की आर्थिक क्षति हुई है। इसमें गठित समिति के अन्य सदस्यों के साथ राकेश तिवारी भी समान रूप से उत्तरदायी हैं। यह कृत्य उनके पदीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही एवं उदासीनता का परिचायक है। संबंधितों को बर्खास्त किया जाता है।

बर्खास्तगी जांच आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया था कि संविलियन चयन सूची में रोहित तिवारी और प्रवीण तिवारी का भी नाम सम्मिलित था जो कि राकेश तिवारी के पुत्र हैं। चयन समिति के अन्य सदस्यों के साथ राकेश तिवारी को अनुपातिक उत्तरदायी पाए जाने पर पहले 6 दिसंबर 2021 को निलंबित किया गया था। बाद में बर्खास्ती आदेश जारी हुआ।

इधर, बर्खास्तगी आदेश के नौ माह बाद 21 जून 2024 को अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग शिवराज सिंह वर्मा द्वारा पुनर्विचार आवेदन में पुत्रों को वेतन के रूप में भुगतान की राशि ब्याज सहित वसूल किए जाने के साथ ही बर्खास्त दिनांक से आदेश दिनांक तक की अवधि कार्य नहीं वेतन नहीं के रूप में मान्य करने के साथ ही उक्त अवधि को पेंशन के लिए गणना में मान्य किए जाने की बात भी कहते हुए बहाली आदेश जारी कर दिया गया।

इस पूरे मामले में कार्यपालन यंत्री राकेश तिवारी पर चार वेतनवृद्धि रोकने की कार्रवाई हुई। बहाली पर राकेश तिवारी का कहना है कि पुनर्विचार याचिका स्वीकार करने के बाद आदेश जारी हुआ है।

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