Shahdol News: सीएस को नहीं हटाया तो सीएम हाउस का घेराव
- गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने महिला कर्मियों को प्रताडि़त करने व भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के विरोध में किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
- कलेक्टर से सांठ-गांठ कर पीडि़त महिला चिकित्सक को ही हटा दिया गया।
- पार्टी भोपाल में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर उग्र आंदोलन करेगी।
Shahdol News: जिला अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार, महिला कर्मचारियों पर हो रहे अत्याचार एवं सिविल सर्जन की तानाशाही पर प्रशासन के उदासीन रवैया पर प्रदेश सरकार की अनदेखी के विरुद्ध गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा सोमवार को वृहद आंदोलन किया गया।
धरना प्रदर्शन व मंचीय उद्बोधन के बाद राज्यपाल, मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि आरोपों से घिरे, भ्रष्टाचार में संलिप्त, महिला स्वास्थ्य कर्मियों के सुरक्षा के लिए खतरा बने, सिविल सर्जन को पद से हटाकर सात दिन के अंदर किसी अन्य कुशल व्यक्ति को सिविल सर्जन बनाकर न्यायिक जांच नहीं कराई जाती एवं इनके कार्यकाल में किए गए भ्रष्टाचार के लिए लोकायुक्त से जांच के आदेश नहीं दिए जाते तो पार्टी भोपाल में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर उग्र आंदोलन करेगी।
जन जनसभा को राष्ट्रीय अध्यक्ष व छत्तीसगढ़ के विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम, प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोर्ते, प्रदेश उपाध्यक्ष तेज प्रताप सिंह, राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम, राष्ट्रीय महासचिव बलबीर सिंह तोमर, अजय प्रताप सिंह पूर्व राज्यसभा सांसद एवं पार्टी के राष्ट्रीय सदस्यता प्रभारी आदि ने संबोधित किया।
वक्ताओं ने कहा कि सिविल सर्जन डॉ. जीएस परिहार द्वारा महिला चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों को प्रताडऩा व दुर्व्यवहार किया जा रहा है। जिला चिकित्सालय के तमाम मदों में भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इनको पद से हटाने महिला कर्मियों द्वारा की गई मांग को गंभीरता से नहीं लिया गया।
कलेक्टर से सांठ-गांठ कर पीडि़त महिला चिकित्सक को ही हटा दिया गया। अन्य स्वास्थ्य कर्मी के गंभीर आरोपों की जांच की बजाय निलंबित करा दिया गया। रोगी कल्याण समिति में भ्रष्टाचार, जिला चिकित्सालय में गरीब आदिवासियों से इलाज और ऑपरेशन के नाम पर लूट के आरोप लगाए गए।
पार्टी नेताओं ने दंत रोग विशेषज्ञ को सीएस बनाए जाने के प्रावधानों पर भी सवाल उठाए। गोंगपा नेताओं ने आरोपित किया कि सीएस को राजनीतिक लोगों के अलावा संघ का संरक्षण मिला हुआ है। यही कारण है कि उनके खिलाफ बोलने वालों पर ही कार्रवाई हो जाती है।