शहडोल: प्रधानमंत्री का कार्यक्रम स्थगित होते ही जहां थीं वहीं रुक गईं यात्राएं

  • मप्र व उप्र के पांच स्थानों से 22 जून से शुरू हुई रानी दुर्गावती गौरव यात्रा 26 को पहुंचना थीं शहडोल
  • अब आगे बढ़ने एक जुलाई के प्रस्तावित प्रवास पर अंतिम मुहर लगने का कर रही इंतजार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-30 08:17 GMT

डिजिटल डेस्क, शहडोल। जनजातीय समाज को विकास की मुख्यधारा से जोडने 22 जून को बालाघाट से जो रानी दुर्गावती गौरव यात्रा शुरू की गई थी, वह तय समय से तीन दिन बाद भी अपने अंतिम पड़ाव शहडोल नहीं पहुंच सकी। मप्र व उप्र के पांच स्थानों से शुरू हुई ये यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 27 जुलाई का शहडोल प्रवास स्थगित होने की सूचना मिलते ही जहां थी वहीं रुक गई। अब ये यात्राएं अपने अंतिम पड़ाव शहडोल की ओर आगे बढ़ने प्रधानमंत्री के एक जुलाई के प्रस्तावित दौरे पर अंतिम मुहर लगने का इंतजार कर रही हैं। गौरतलब है कि मप्र के बालाघाट सहित छिंदवाड़ा, सिंग्रामपुर (जबेरा-दमोह), कुसमी (धोहनी- सीधी) तथा रानी दुर्गावती के जन्म स्थान कलिंजर फोर्ट (बांदा-उप्र) से एक साथ शुरू हुई गौरव यात्राओं को 26 जून की शाम 4 से 6 बजे के बीच शहडोल पहुंचना था। कंचनपुर स्थित शिक्षा परिसर में इन यात्राओं के स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम होना था और अगले दिन 27 जून को गौरव यात्रा का प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में समापन होना था।


अब भी अंतिम पड़ाव से दूर

पांच में से एक भी यात्रा अब तक अपने अंतिम पड़ाव पर नहीं पहुंची है। गौरव यात्रा के प्रभारी केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की अगुवाई में बालाघाट से प्रारंभ हुई यात्रा 26 जून की रात 8 बजे शहडोल जिले के बुढ़ार में पहुंच कर रुक गई। इसी तरह से शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह के नेतृत्व में कुसमी (धौहनी-सीधी) से प्रारंभ हुई यात्रा जयसिंहनगर के बाद नजर नहीं आई । सिंग्रामपुर ( जबेरा-दमोह) से वनमंत्री विजय शाह के नेतृत्व में शुरु हुई यात्रा आखिरी बार अमरपुर में और सांसद दुर्गा उईके के नेतृत्व वाली छिंदवाड़ा से प्रारंभ यात्रा पाली (मानपुर) के बाद नहीं दिखी। इनका रथ जरूर सबसे पहले 27 की सुबह शहडोल पहुंच गया था । कलिंजर फोर्ट (उप्र) से पूर्व राज्यसभा सदस्य संपतिया उइके के नेतृत्व में प्रारंभ यात्रा भी बिरसिंहपुर पाली के आगे नहीं दिखी।

पांचों रथ शहडोल पहुंचे

पांचों स्थानों से प्रारंभ हुई गौरव यात्रा के रथ (सुसज्जित बस) 27-28 जून के बीच शहडोल के कंचनपुर स्थित शिक्षा परिसर में पहुंच गए थे। ये सभी रथ गुरूवार दोपहर लालपुर के लिए एक साथ रवाना किए गए। लालपुर में बनाए गए हैलीपेड पर प्रधानमंत्री को उतरना है और करीब 500 मीटर दूरी पर बने पंडाल में जनसभा होनी है।

सभी यात्राएं शहडोल जिले या फिर इसके आसपास के अंतिम पड़ाव पर नियत समय पर पहुंच गई थीं। प्रधानमंत्री के एक जुलाई के शहडोल प्रवास को लेकर आज रात या कल सुबह स्थिति साफ होते ही आगे की रूपरेखा अनुसार सभी यात्राएं आगे बढ़ाई जाएंगी। - फग्गन सिंह कुलस्ते, (केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री) गौरव यात्रा प्रभारी

Tags:    

Similar News