राजनीति: एनडीए में कभी शामिल नहीं हाेऊंगा , शरद पवार ने प्रस्ताव को किया खारिज
- नंदुरबार की सभा में पीएम मोदी ने एनडीए में आने का दिया था सुझाव
- विशिष्ट समुदाय के बारे में बयान देकर भ्रांति फैलाने का लगाया आरोप
- पवार ने कहा- सार्वजनिक रूप से बोलते समय गरिमा का ध्यान रखें
डिजिटल डेस्क, पुणे । नरेंद्र मोदी एक समाज के नहीं, बल्कि देश के प्रधानमंत्री हैं, लेकिन वह एक विशिष्ट समुदाय के बारे में बयान देकर भ्रांति फैला रहे हैं। यह देश की एकता के लिए खतरनाक है। ऐसी विचारधारा के साथ मैं कभी नहीं जाऊंगा। यह कहते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एनडीए में शामिल होने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
शुक्रवार को पुणे में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पवार ने कहा, नरेंद्र मोदी संसदीय लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते। महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू की विचारधारा देश में एकता और एकजुट रखने वाली है। हमें उन विचारों के साथ आगे बढ़ना है। हाल की कुछ सभाओं में मोदी के भाषणों पर नजर डालें तो वह एक खास समुदाय के बारे में बयानबाजी कर रहे हैं। इसलिए उनके साथ जाने का सवाल ही नहीं उठता।
बता दें कि नंदुरबार की सभा में पीएम मोदी ने शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री अजित पवार के साथ एनडीए में शामिल होने का सुझाव दिया था।
प्रधानमंत्री की छवि खराब कर रहे : शरद पवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले तीन चरण हो चुके हैं। इसे लेकर तरह-तरह की भविष्यवाणी की जा रही है। इससे मोदी को निराशा हो रही है। इसके कारण वह ऐसे बयान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री का पद संवैधानिक पद है। वह सरकारी तंत्र का प्रतिनिधि है। उस पद पर बैठे व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से बोलते समय गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। उन्हें आपत्तिजनक बयानों से बचना चाहिए। उनके वर्तमान भाषण अनुचित हैं। वह प्रधानमंत्री पद की छवि खराब कर रहे हैं।
किसी समाज का अधिकार नहीं छीना जाना चाहिए : पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अरविंद केजरीवाल को राजनीति के लिए जेल में डाला गया, यह अशोभनीय है। कर्नाटक में अमित शाह ने कहा कि वह मुस्लिम समुदाय का आरक्षण हटाकर अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के लिए आरक्षण बढ़ाएंगे। हमें एससी और एसटी समुदायों के लिए आरक्षण बढ़ाने पर कोई आपत्ति नहीं, लेकिन किसी समाज का अधिकार नहीं छीना जाना चाहिए।