पुणे: संत तुकाराम महाराज 10वें वंशज संभाजी महाराज का निधन, अध्यात्म पर कई पुस्तकें लिखी
- संत तुकाराम महाराज 10वें वंशज थे संभाजी महाराज
- अध्यात्म पर कई पुस्तकें लिखी थीं
- संभाजी महाराज का निधन
डिजिटल डेस्क, पुणे/ देहूगांव। वरिष्ठ कीर्तनकार, संत साहित्य के जानकार और संत तुकाराम महाराज के 10वें वंशज संभाजी महाराज मोरे का बुधवार को निधन हो गया। वे 76 वर्ष के थे। "आकाशा एवढा" नामक प्रसिद्ध मराठी उपन्यास के वे लेखक थे। प्रसिद्ध कीर्तनकार और वारकरी संत विचार परिषद के संस्थापक अध्यक्ष प्रशांत महाराज मोरे के वे पिता थे। संभाजी महाराज संत तुकाराम महाराज की 10वीं पीढ़ी के वंशज है। उन्होंने आध्यात्मिक विषय पर कई पुस्तकें लिखी हैं।
पूरे महाराष्ट्र में उन्होंने बिना किसी मानधन के कीर्तन के माध्यम से समाज में जागरुकता का काम किया। पूरे जीवन उन्होंने चप्पल नहीं पहनी। भीषण गर्मी में भी उन्होंने लंबी दूरी की यात्रा बिना चप्पल के की। पंढरपुर की वारी भी वह नियमित रूप से करते रहे। उनके निधन से वारकरी संप्रदाय की बड़ी क्षति हुई है। संभाजी महाराज के पार्थिव पर देहूगांव स्थित इंद्रायणी नदी तट पर वैकुंठ श्मशानभूमि में बुधवार दोपहर एक बजे अंतिम संस्कार किया गया।
इस मौके पर वारकरी, राजनीतिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक व सामाजिक क्षेत्र के असंख्य लोग उपस्थित थे। 28 जून को देहू से संत तुकाराम महाराज की पालकी पंढरपुर के लिए प्रस्तान करेगी। ऐसे में दो दिन पहले ही उन्हीें के वंशज का निधन होने से संपूर्ण देहू सहित वारकरी संप्रदाय में शोक की लहर है।