Pune News: पाम ऑइल के एक लाख टन के सौदे हो गए रद्द, लेकिन नहीं बढ़ेंगे दाम

  • आयातकों ने लाभ के लालच में अन्य देशों को बेच दिया तेल
  • ऑइल के एक लाख टन के सौदे रद्द हो गए

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-30 14:46 GMT

Pune News : भारत के खाद्य तेलों के आयातकों ने पाम तेल की कीमतों में वृद्धि का लाभ उठाने के लिए एक लाख टन के सौदे रद्द कर तेल अन्य देशों और व्यापारियों को बेच दिया। इसके बावजूद देश में पाम तेल की किल्लत नहीं होगी और दिवाली में तेल के दाम भी नहीं बढ़ेंगे। यह दिलासा द सॉल्वेट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोशिएसन के (एसईए) कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. भारत मेहता ने दिया। मेहता ने बताया कि, भारत ने खाद्य तेल के आयात शुल्क में वृद्धि की है। इसके साथ ही निर्यातक देशों की ओर से भी तेल के दाम बढ़ाए गए है। इंडोनेशिया पाम तेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। लेकिन इंडोनेशिया में पाम तेल का उत्पादन घटा है। इसके अलावा बी-40 नीति के अंतर्गत पाम तेल से बायो डीजल बनाने की परियोजना पर विशेष जो दिया जा रहा है। इसका भी प्रतिकृल असर पाम तेल के व्यापार पर हुआ है। दूसरे नंबर पर पामतेल उत्पादक देश मलेशिया ने भी निर्यात शुल्क बढ़ाने से पाम तेल की कीमतों में वृद्धि हुई। देश के बंदरगाहों पर विभिन्न देशों से आयात होने वाले तेलों में पाम तेल सबसे कम दरों में आयात होता है। भारत द्वारा आयात शुल्क में वृद्धि से पहले जुलाई में कच्चा पाम तेल 979 डॉलर प्रति टन की दर से आयात होता था। आयात शुल्क बढ़ने के बाद अब 1011 डॉलर प्रतिटन की आयात होता है। पाम तेल से उच्च दर्जे के और स्वास्थ्य के लिए लाभादायी कच्चा सोयाबीन तेल 1015 डॉलर प्रतिटन दर से और सूर्यफूल तेल 1019 डॉलर प्रतिटन की दर से आयात होता है। आयात दर लगभग समान होने से खाद्य तेलों के आयातक पाम तेल की बजाया सोयाबीन और सूर्यफूल तेल को प्राथमिकता दे रहे हैं।

दिवाली में नहीं बढ़ेंगे दाम

कृषिमाल बाजार व्यवस्था के अभ्यासक श्रीकांत कुवलेकर के अनुसार खाद्य तेल के व्यापारियों ने वैश्विक बाजार में तेलों के दामों में वृद्धि का फायदा उठाने के लिए पाम तेल आयात के सौदे रद्दकर दिए है। हालांकि यह व्यापार का ही एक भाग है, इसलिए इसमें उन्हें दोष नहीं दिया जा सकता। वर्तमान में पामतेल, सोयाबीन तेल और सूर्यफूल तेल की कीमतों में कोई ज्यादा अंतर नहीं है। इस कारण व्यापारी सोयाबीन तेल और सूर्यफूल तेल का आयात कर रहे हैं। देश में खाद्य तेल का पर्याप्त संग्रह होने के कारण और देश में तेल बीजों से तेल निकालने की प्रक्रिया भी शुरू होने के कारण दिवाली के दिनों में तेल की कीमतों में वृद्धि की संभावना नहीं है। इसलिए लोगों को निश्चिंत रहना चाहिए।

Tags:    

Similar News