पुणे: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मनपा पर ठोका 1 करोड़ 79 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना

  • नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का आदेश- यहां कूड़ा ना फेंकें
  • वाघोली के वाघेश्वरनगर पत्थर खदान श्रमिक बस्ती के पास अवैध कूड़ा डिपो बनाया था

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-15 14:42 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे. वाघोली के वाघेश्वर नगर पत्थर खदान श्रमिक बस्ती के पास अवैध कूड़ा डिपो बना कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की एवज में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पुणे महानगरपालिका पर 1 करोड़ 79 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि दो महीने के अंदर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा करने को कहा है। एनजीटी ने इस जगह पर दोबारा कूड़ा न फेंकने का भी आदेश दिया है।

--2015 से कूड़ा डंप किया जाता है

वाघेश्वरनगर में पत्थर खनन करने वालों की एक बस्ती है, जहां 2015 से कूड़ा डंप किया जाता था। परिणामस्वरूप करीब दो-तीन एकड़ जमीन पर कूड़े का ढेर लग गया। जिससे श्रमिक बस्ती में बदबू फैलने के साथ ही मच्छरों और कीड़ों के संक्रमण से लोग त्रस्त हो गए थे। डेंगू जैसी बीमारियों के कारण कुछ लोगों की मृत्यु भी हो गई। इससे परेशान बस्ती के लोगों ने यहां पर कूड़ा न फेंकने और कूड़ा डिपो को किसी और जगह पर स्थानांतरित करने की मांग को लेकर बस्ती के लोगों ने कई बार मनपा को ज्ञापन दिया। 2016 में पत्थर खनन वर्कर्स काउंसिल की ओर से संतुलन संस्था की ओर से मुख्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण महामंडल, वाघोली ग्राम पंचायत को नोटिस दिया गया था। लेकिन, इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया।

--30 जून, 2021 को वाघोली गांव को पुणे महानगरपालिका में शामिल किया गया

पत्थर खनन श्रमिक परिषद के एड. बस्तु रेगे ने बताया कि संतुलन संस्था की ओर से 2020 में एनजीटी में मामला दायर किया गया। संस्था की ओर से एड. ऋत्विक दत्ता और एड राहुल चौधरी ने मामले की पैरवी की। इस मामले में एनजीटी द्वारा पुणे महानगर प्रदेश विकास महामंडल, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और हवेली के तहसीलदार की संयुक्त समिति बनाई गई। जांच के बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी। उसी के आधार पर कूड़ा डिपो से होने वाले पर्यावरण को नुकसान की मुआवजा राशि तय की गई। इसीबीच 30 जून, 2021 को वाघोली गांव को पुणे महानगरपालिका में शामिल किया गया। इसलिए, एनजीटी ने आदेश दिया है कि पुणे मनपा मुआवजे के रूप में 1 करोड़ 79 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना अदा करे और वाघेश्वर नगर में कूड़ा डंप करना बंद करे।

एड. बस्तु रेगे के मुताबिक जिन पत्थर खदान श्रमिकों को गंदे श्रमिक के रूप में संबोधित किया जाता हैं, उन्हें आज न्याय मिला है। इन श्रमिकों के लिए यह ऐतिहासिक जीत है। एनजीटी के आदेशानुसार पुणे मनपा को अब जुर्माने की राशि अदा करनी होगी। इस क्षेत्र में कूड़ा फेंकना बंद करना होगा।


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