प्रदर्शन: महाराष्ट्र में महायुति को लग सगता है झटका, लक्ष्य से 7-8 सीटें कम मिलेंगी

  • लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन को लेकर भाजपा के कद्दावर नेता ने जताई चिंता
  • बारामती में सुनेत्रा की जीत का दावा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-30 14:02 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे. लोकसभा का फाइनल राउंड खत्म होने ही वाला है। लोगों के साथ ही सभी दलों के नेताओं की निगाहें 4 जून को होने वाली मतगणना पर टिक गई हैं। उससे पहले सत्तापक्ष एवं विपक्ष दोनों की ओर से अपने-अपने प्रदर्शन की समीक्षा व गहन मंथन किया जा रहा है। राज्य के सत्तादल महायुति के प्रमुख घटक दल भाजपा इसमें सबसे आगे है। पार्टी की ओर से हाल ही में इसे लेकर बैठक की गई। अंदरखाने की बात करें, तो पार्टी अपने लक्ष्य (38) से सात से आठ सीटे कम जीत पाएगी। पिछली बार उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना के साथ युति कर चुनाव लड़नेवाली भाजपा को राज्य में लोकसभा 41 सीटें मिली थी। इस बार उसमें कमी आ सकती है। उसे 30 से 32 सीटों से ही संतोष करना पड़ सकता है। इसे लेकर भाजपा की चिंता बढ़ गई है।

-उम्मीदवारों के गलत चयन का उठाना पड़ सकता है खामियाजा

महाराष्ट्र के कद्दावर भाजपा नेता की मानें तो राज्य में महायुति को पिछली बार की तुलना में कुछ सीटो का नुकसान उठाना पड़ सकता है। पश्चिम महाराष्ट्र सहित राज्य की कई सीटों पर उम्मीदवारों के गलत चयन का खामियाजा इस गठबंधन को उठाना पड़ सकता है। सोलापुर एवं माढा में यह नुकसान संभव है। पिछली बार दोनों सीटें भाजपा के पास थीं। इसबार दोनों सीटें फंसती हुई दिखाई पड़ रही हैं।

-बारामती में सुनेत्रा की जीत का दावा

महाराष्ट्र के साथ ही पूरे देश की नजर इस बार बारामती सीट पर लगी हुई है। राकां सुप्रीमो शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले एवं राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है। ऐसे में हर काई जानना चाहता है कि जीत किसकी होगी? राज्य सरकार का अहम मंत्रालय संभालने वाले इस मंत्री ने दावा किया कि हमारी गणना के अनुसार बारामती की सीट सुनेत्रा पवार जीतेगी। सुप्रिया सुले हार का सामना करना पड़ेगा।

-30 से अधिक सीटें जीतेगी महायुति

पूरे राज्य में एनडीए के प्रदर्शन के बारे में इस वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में एनडीए को चुनौतियों तो हैं, परंतु इसके बावजूद हम 30 से अधिक सीटें जीत ही जाएंगे। उन्होंने दावा किया कि भले ही युति की सीटें कम हो जाएं, परंतु भाजपा के प्रदर्शन पर असर नहीं होगा। उसकी सीटें पिछली बार से ज्यादा आएगी।

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