प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पंजीयन में महाराष्ट्र द्वितीय
प्रदेश के पौने दो करोड़ किसानों ने किया पंजीयन: कृषि विभाग की जानकारी
डिजिटल डेस्क, पुणे। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और फल फसल बीमा योजना में नामांकित किसानों की संख्या के मामले में महाराष्ट्र देश में दूसरे स्थान पर है। राजस्थान पहले स्थान पर है, जबकि मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है। कृषि विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, राज्य से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और फल फसल बीमा योजना के लिए कुल 1,71,21,769 आवेदन दाखिल किए गए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा के लिए आवेदनों की संख्या 1 करोड़ 69 लाख 48 हजार 790 है। अन्य आवेदन फल फसल बीमा योजना के लिए हैं। इन सभी अनुप्रयोगों के माध्यम से 1,13,67,671 हेक्टेयर क्षेत्र की खरीफ फसलों और फलों की फसलों को संरक्षित किया गया है। इस बारे में कृषि विभाग के मुख्य सांख्यिकीविद् विनय कुमार आवटे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इस वर्ष राज्य सरकार के एक रुपये में फसल बीमा उपलब्ध कराने के निर्णय के कारण बीमा पंजीकरण में भारी वृद्धि हुई है। राज्य में ऋणी किसानों से 6,92,710 आवेदन दाखिल किये गये हैं। गैर-ऋणदाता किसानों से 1,64,29,059 आवेदन दायर किए गए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में बीमा आवेदनों की संख्या में 175 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि संरक्षित क्षेत्र में 195 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पहले स्थान पर रहे राज्यों से कुल 2 करोड़ 9 लाख 99 हजार 722 आवेदन दाखिल किए गए हैं। तीसरे स्थान पर रहे मध्य प्रदेश से 88 लाख 61 हजार 546 आवेदन दाखिल किये गये हैं।
खरीफ बीमा के लिए 7,973 करोड़ रुपये का प्रीमियम
खरीफ सीजन की फसलों के लिए राज्य से 1 करोड़ 69 लाख 48 हजार 790 आवेदन दाखिल किये गये हैं। लगभग 1 करोड़ 12 लाख 42 हजार 564 हेक्टेयर भूमि पर लगी फसलों को सुरक्षित किया गया है। किसानों ने बीमा के लिए 1 करोड़ 69 लाख 52 हजार 385 रुपये जमा किये हैं। किसानों की शेष किश्त एवं राज्यांश का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा। इसलिए, राज्य सरकार का संयुक्त योगदान 4755.30 करोड़ रुपये और केंद्र का हिस्सा 3216.28 करोड़ रुपये होगा। कृषि विभाग के मुख्य सांख्यिकीविद् विनय कुमार आवटे ने बताया कि किसानों, राज्य और केंद्र की संयुक्त बीमा प्रीमियम राशि 7973.27 करोड़ है।